दिल्ली दंगा: 1300 को पकड़ लिया पर सबूत-गवाह नहीं जुटा पा रही पुलिस, 20 को मिली बेल

दिल्ली की एक अदालत ने पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के मामलों में पिछले पांच दिन में करीब 20 आरोपियों को जमानत दी है। अदालत का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ पुलिस के पास कोई ठोस सबूत नहीं है। एडिशनल सेशन जज (एएसजे) सुनील चौधरी द्वारा 22 मई को दिए एक आदेश के मुताबिक “जांच अधिकारी ने इन आरोपियों की जमानत अर्जी का विरोध किया। लेकिन सवाल किए जाने पर अधिकारी ने माना कि आरोपियों के खिलाफ वे कोई भी पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाये हैं। उन्होंने माना कि वह किसी भी चश्मदीद गवाह को खोजने में असमर्थ हैं, जिन्होंने आरोपियों को घटना को अंजाम देते हुए देखा हो।”

ज्यादातर आरोपियों ने जमानत मांगते हुए कहा कि उनके नाम एफआईआर में नहीं हैं और उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। फरवरी के अंतिम सप्ताह में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। अदालत के रिकॉर्ड के अनुसार, लगभग 750 मामले दर्ज किए गए थे। दिल्ली पुलिस ने हाल ही में कहा कि दंगों के सिलसिले में अब तक 1,300 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

जमानत मांगने वाले ज्यादातर आरोपी लॉकडाउन के दौरान गिरफ्तार किए गए थे। 19 मई से 23 मई के बीच अदालत एक दिन में 20-30 जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। शनिवार को एएसजे त्यागिता सिंह के समक्ष दायर 15 आवेदनों में से एक आरोपी को जमानत नहीं मिली।

वहीं 22 मई को दायर की गई 36 जमानत अर्जियों में से पांच को खारिज कर दिया गया क्योंकि एएसजे चौधरी ने कहा कि अपराध की गंभीरता और अब तक एकत्र किए गए सबूतों के विवरण को देखते हुए, इन आवेदकों को जमानत नहीं दी जा सकती। बता दें जिन आवेदकों को जमानत दी गई है, कोर्ट ने उन्हे आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने को कहा है।

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