मनरेगा योजना के अंतर्गत कुसुमघाटी पंचायत में मची है लूट की छूट

रिपोर्ट-जितनारायण शर्मा, गोड्डा झारखंड

गोड्डा ।। जिला अंतर्गत बआरीजोर प्रखंड के कुसुमघाटी पंचायत में मनरेगा योजना अंतर्गत, योजनाओं में काफी अनियमितता देखने को मिला।  पंचायत स्तर में  देखा गया कि  एक ही जगह पर तीन पोखर का निर्माण किया गया है। आप सोच सकते हैं कि किस तरह से सरकारी पैसे का गबन किया जा रहा है, और साथ ही कुसुमघाटी पंचायत के गड़ियल गांव में  तीन पोखर का सूचना पट्ट लगा है। लेकिन चार  माह बीत जाने के बावजूद भी निर्माण कार्य के लिए  जिओ टैग नहीं हो पाया हैं। कारण चौंकाने वाली बात है यह है की, जिस आदिवासी के जमीन में पोखर का निर्माण किया जा रहा है, उसने दुख व्यक्त करते हुए बताया कि, पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, द्वारा मोटी रकम की  मांग किये जाने के कारण अभी तक जिओ टैगिंग नहीं हो पाया है। अर्थात यह  जिओ टैग के लिए ही, मनरेगा का  काम रुका हुआ है।   कोरोना महामारी को लेकर अनेक राज्यों से प्रवासी मजदूर अपने घर गंतव्य स्थान तक आते हैं। अगर इस समय रोजगार ना मिले तो क्या स्थिति होगा, आप खुद सोच  सकते हैं।  महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार अधिनियम 2005 के तहत  गरीब लोगों को सौ  दिन तक  रोजगार मुहैया कराना है जो  अब केवल दिव्य स्वप्न बन कर रह गया है। सभी ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर पुरजोर विरोध किया है । साथ ही झारखंड सरकार से रोजगार की मांग की है।

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