एन - 95 मास्क को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी, कोरोना का प्रसार रोकने में कारगर नहीं

ब्यूरो चीफ देवेन्द्र कुमार की रिपोर्ट  

जमुई ।। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर लोगों को छिद्रयुक्त श्वासयंत्र (वॉल्व्ड रेस्पिरेटर) लगे एन - 95 मास्क पहनने को लेकर चेतावनी जारी की है। पत्र में कहा गया है कि इससे कोरोना वायरस फैलने से नहीं रुकता और यह कोविड -19 महामारी के खिलाफ उठाए गए कदमों के ‘विपरीत’ है।

विभागीय अधिकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक राजीव गर्ग ने राज्यों के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मामलों के प्रधान सचिवों को पत्र लिखा है। इस पत्र में महानिदेशक राजीव गर्ग ने कहा है कि यह तथ्य सामने आया है कि स्वास्थ्य कर्मियों के बजाय लोग एन - 95 मास्क का ‘अनुचित इस्तेमाल’ कर रहे हैं। विशेष रूप से ऐसे एन - 95 मास्क इस्तेमाल किए जा रहे हैं , जिनमें छिद्रयुक्त श्वसनयंत्र (वॉल्व्ड रेस्पिरेटर) लगे हैं।

स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक राजीव गर्ग ने आगे कहा कि ‘छिद्रयुक्त श्वसनयंत्र लगा एन - 95 मास्क कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों के विपरीत है क्योंकि यह वायरस को मास्क के बाहर आने से नहीं रोकता है। इसे देखते हुए मैं आपसे आग्रह करता हूँ कि सभी संबंधित लोगों को निर्देश दें कि वे फेस या माउथ कवर के इस्तेमाल का पालन करें और एन - 95 मास्क के अनुचित उपयोग को नियंत्रित करने में सहयोग दें।

उल्लेखनीय है कि बीते अप्रैल माह में सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर कहा था कि घर में बने प्रोटेक्टिव कवर के रूप में फेस अथवा माउथ कवर का प्रयोग  अधिक लाभकारी है। एडवाइजरी में बताया गया था कि सम्बंधित कवर को प्रत्येक दिन धो कर साफ किया जाना चाहिए। सूती कपड़े से निर्मित फेस कवर को के उपयोग पर बल देते हुए कहा गया कि कपड़ा किसी भी रंग का हो , इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

एडवाइजरी के जरिये बताया गया कि उबलते पानी में पांच मिनट तक धोना आवश्यक है। बाद में इसे अच्छी तरह सूखा कर इसका इस्तेमाल किया जाना श्रेष्ठकर होगा। धुलने वाले पानी में थोड़ा नमक डालने की सलाह दी गई है।

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