
पुष्पाजंलि अस्पताल मे प्रसुता महिला की मौत पर डाॅक्टर ने मीडिया के सामने दिया अपना ब्यान
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Jul 25, 2020
- 377 views
जमुई / झाझा ।। पुष्पांजलि अस्पताल में जमुई मे प्रसुता महिला की हुई मौत पर इन दिनो जमुई मे कई लोगो के द्वारा पुष्पाजंलि अस्पताल के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला जा रहा है। इधर अस्पताल के संचालक चिकित्सक प्रीतम ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुये मरीज की स्थिति की पूरी जानकारी दिया।चिकित्सक ने बताया कि जमुई की रहने वाली प्रीति बाला अपना ईलाज सर्वप्रथम सदर अस्पताल जमुई मे 8 जुलाई को किया उसके बाद उसने 13 जुलाई की रात्रि को इलाज के लिए सदर अस्पताल गयी। जहाॅ महिला चिकित्सक से स्थिति नही संभलने पर एक अन्य निजी क्लिीनिक मे मरीज को परिजनो के द्वारा ले जाया गया इस दौरान निजी क्लिीनिक मे मरीज को भर्ती नही किया। जिसके बाद सुबह करीब 9 बजे के लगभग उसे पुष्पाजंलि अस्पताल लाया गया जहाॅ महिला की स्थिति काफी गंभीर होने की बात बताते हुये परिजनो के द्वारा सहमति पर उसे भर्ती करवाया गया।वही महिला का पूर्व मे काफी खून निकल जाने के बाद उसकी बीपी भी रूका हुआ था। जिसे वेंटीलेटर पर रखा था। वही 17 तारीख को मरीज की स्थिति और खराब होने पर मरीज के परिजनो ने अस्पताल मे बबाल काटा। इधर पटना से वेंटीलेटर एंबुलेंस बुलाने के बाद पटना भेज दिया गया जहाॅ मरीज के परिजनो ने अन्य दूसरे अस्पताल मे भर्ती किया। इधर चिकित्सक ने बताया कि मरीज की बचने की संभावना बहुत कम था इस बात की जानकारी परिजनो को दिया जिसपर उनलोगो ने मरीज को कुछ हो जाने पर स्वयं जिम्मेवार होने का आवेदन भी लिखकर अस्पताल को जमा किया। वही चिकित्सक ने बताया कि परिजनों को मेरे द्वारा बताया गया कि पेशेंट की मृत्यु की संभावना सबसे ज्यादा है और पेशेंट की बचने की उम्मीद सबसे कम है बच्चा पेट में मर चुका है शरीर से सारा खून निकल चुका है और उनके हृदय गति बहुत ही बढ़ी हुई है और उसके बाद अगर आप परमिशन देंगे अपने परिवार से सहमति लेकर तो हम लोग इस पेशेंट के ऊपर रिक्स लेकर ऑपरेशन कर सकते हैं अगर ऐसा होता है की ऑपरेशन के दौरान मरीज की जान चली जाती है तो ना तो हॉस्पिटल के कर्मचारी ना डॉक्टर जिम्मेबार होगा क्योंकि पेशेंट की स्थिति ही ऐसी है और इस संदर्भ में डॉ प्रीतम ने बताया कि पेशेंट के पति के द्वारा खुद से लिखा पेपर जिसमें साफ अक्षरों में लिखा है कि में अपने मरीज को पुष्पांजलि हॉस्पिटल में भर्ती कराया मेरा मरीज की स्थिति बहुत गंभीर है और उसका बीपी नहीं है और उसकी धड़कन 180 से 190 के बीच रहता है डॉक्टर के द्वारा सब कुछ मरीज के बारे में बता दिया गया है की मरीज की स्थिति इलाज के दौरान बचने की स्थिति 50% और मरने की स्थिति 50% की संभावना है अगर ऐसा मरीज को कुछ होता है तो ना तो हॉस्पिटल का कर्मचारी ना डॉक्टर कोई जिम्मेदार होगा .वही चिकित्स्क ने कहा कि लोग मुझे मानिषक रूप से प्रताड़ित करने का काम कर रहे है।
रिपोर्टर