गड़बड़झाले के बीच अधर में लटका आषाढी माधुरी पंचायत के मध्य विद्यालय मोहनी का खेल मैदान

रिपोर्ट:-अजय कुमार,गोड्डा झारखंड

गोड्डा, झारखंड ।। जिले के पोड़ैयाहाट प्रखंड का आषाढी माधुरी पंचायत इन दिनों काफी चर्चा में है। ग्राम पंचायतों के विकास के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के सहयोग से चलने वाले मनरेगा योजना में भारी गमन का मामला प्रकाश में आया है। जहां बिना कार्य किए ही 33 हजार की राशि अवैध रूप से निकाल लिया गया है यह राशि और किसी ने नहीं बल्कि पंचायत के मुखिया द्वारा ही निकाली गई है। मामले को लेकर जिले के प्रतिष्ठित अखबार दैनिक जागरण द्वारा प्रमुखता से खबर भी लगाई गई थी। गौरतलब है कि मनरेगा योजना के तहत पोड़ैयाहाट प्रखंड के आषाढी माधुरी पंचायत के मध्य विद्यालय मोहानी में मैदान समतलीकरण का कार्य किया जाना है, जिसके बाद राशि का भुगतान किया जाना था, किंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ बल्कि कार्य इसके विपरीत हो गया है।अगर मनरेगा योजना के कार्य विधि को समझें तो पता चलेगा कि किसी भी कार्य के लिए पहले मनरेगा के अंतर्गत पंजीकृत मजदूरों को कार्य पर लगाया जाता है जिसके बाद डिमांड भरकर कार्य को पूरा करवाया कराया जाता है उसके बाद भुगतान की प्रक्रिया होती है। मगर आषाढी माधुरी पंचायत के मुखिया उमेश कुमार द्वारा ऐसा कुछ भी ना करके प्राइवेट मजदूरों के साथ आनन-फानन में कार्य कराये जाने का आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाया गया है।

मालूम हो कि मुखिया उमेश कुमार द्वारा कराये जा रहे समतलीकरण को लेकर वहां के ग्रामीणों द्वारा उपायुक्त को आवेदन सौंपकर मुखिया की शिकायत की गई थी जिसमें अवैध रूप से 33 हजार की राशि के निकाले जाने की शिकायत की गई थी, जिसके बाद मामला प्रकाश में आया था। बता दें कि जब से मामला प्रकाश में आया है मुखिया उमेश कुमार रेस हो गए हैं इतने दिनों तक कार्य को फंसा कर रखने वाले मुखिया द्वारा अचानक से 70-80 मजदूरों को लगाकर मैदान समतलीकरण का कार्य करा लिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि मुखिया द्वारा कार्य में लगाए गए मजदूर मनरेगा के अंतर्गत निबंधित मजदूर नहीं है जबकि नियमतः  मनरेगा मजदूरों को ही कार्य में लगाया जाना है। 14 अगस्त को कार्य कर रहे मजदूरों से जब इस दौरान पूछा गया तो उन्होंने साफ साफ कहा कि वो मनरेगा मजदूर नहीं है और आज पहली बार कार्य कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मामला प्रकाश में आने के बाद पोड़ैयाहाट बीडीओ द्वारा 13 अगस्त को आदेश जारी कर कार्य लगे बीसीईओ संजय कुमार एवं कनीय अभियंता अनंत कुमार को दो दिनों के अंदर  रिपोर्ट सौंपे जाने का निर्देश दिया गया था। इस मामले पर कनीय अभियंता अनंत कुमार के द्वारा प्राइवेट मजदूरों को लगाकर योजना में खड़े होकर कार्य कराते नजर आया। मामले में जब मुखिया उमेश कुमार से पूछा गया कि कार्य कब से प्रारंभ है तो उन्होंने कहा कि कार्य 10 जुलाई से कराया जा रहा है पूछे जाने पर कि इतना जल्दी धरातल पर कार्य दिखाई देना क्यों बंद हो गया तो मुखिया ने कहा  बरसात का दिन है मजदूरों द्वारा पहले मैदान में घास को छिलकर बराबर किया गया था,जहां बारिश के कारण फिर से घास उग आया है। अवैध रूप से राशि निकासी के संबंध में मुखिया ने रोजगार सेवक पर दोष मढ़ते हुए कहा कि उसके द्वारा ही मजदूरों का डिमांड भरा गया था जिसके बाद राशि की निकासी की गई है।

वहीं रोजगार सेवक अकरम अंसारी ने प्रखंड में स्पष्टीकरण में साफ तौर पर कहा है कि मुखिया द्वारा ही पैसे की अवैध निकासी की गई है, रोजगार सेवक अभी हड़ताल पर हैं और जब वह हड़ताल पर गए उसके बाद ही राशि की निकासी की गई है इसलिए उसे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।

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