प्रदेश चुनाव के लिये आतुर तो सिमुलतला प्रखंड के लिये ललायित

सिमुलतला ।। सिमुलतला को प्रखंड और झाझा को अनुमंडल का दर्जा देने का प्रलोभन देकर कई नेता विधायक और सांसद बनने का सफर तय कर चुके है। लेकिन किसी सांसद व विधायक ने झाझा को अनुमंडल और सिमुलतला को प्रखंड बनाने को लेकर रत्तीभर भी प्रयास नहीं किया गया।अब पुनः विधानसभा चुनाव की विसात बिछाई जा रही है,और जनता को बरगलाने के लिये पोलावी ख्वाब की शगूफा छेड़ा जा रहा है।ऐसे में सिमुलतला क्षेत्र के चौक चौराहे पर सिमुलतला को प्रखंड बनाने का मुद्दा जोर पकड़ता दिखाई दे रहा है।रही सवाल स्थानिये कई नेता भी पार्टी टिकट की दौड़ में शामिल है,लेकिन इसके लिये इन लोगों ने भी कभी कोई प्रयास नहीं किया।और सत्ताधारी विधायक एवं पूर्व के सत्ताधरि झाझा विधायक सह राज्य के पूर्व मंत्री रह चुके दामोदर रावत भी सिमुलतला को प्रखंड व झाझा को अनुमंडल के लिये आवाज उठाना मुनासिब नहीं समझे।अब देखने वाली बात होगी क्या इस चुनाव में भी सिमुलतला क्षेत्र की मतदाताओं  को प्रखंड के दर्जा मिलेगा या जुमलेवाज नेता यहां के मतदाताओं को लुभाने के लिये पुनः पोलावी ख्वाब में ही बहलाने फुसलाने में कामयाब होता रहेगा।यहाँ बता दें कि बिहार के अंतिम छोर पर स्थित जमुई जिला के झाझा प्रखंड कार्यालय से अतिसंवेदनशील जंगल के रास्ते 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित  है सिमुलतला।आजादी के बाद से ही कई दफा अलग-अलग मंचों पर नेताओं ने सिमुलतला को प्रखंड एवं झाझा को अनुमंडल का दर्जा की घोषणा भी किये।लेकिन चुनाव जीतने के बाद किसी को अपने वादा का ख्याल नहीं रहा।सिमलतला में रेलवे स्टेशन,थाना,डाक घर,अतिरिक्त स्वस्थ केंद्र स्टैट बैंक,ग्रामीण बैंक,एस एस बी केम्प, बी एस एन एल एक्सचेंज,वन कार्यालय,जैसे कई सरकारी संस्थान एवं गैर सरकारी संस्थान संचालित हो रही है। आवादी या अन्य मामले में भी सिमुलतला प्रखंड बनने के लिये सम्पूर्ण अहर्ता रखती है।वावजूद राजनीतिक प्रपंचों के कारण आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी,अपनी हक और हकूक की लड़ाई में सिमुलतला मुंह बाए खड़ी है।

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