आज अचानक रघुवंश बाबू के निधन का समाचार सुनकर स्तब्ध हूं - बबिता गरौब

रघुवंश बाबू के निधन से संपूर्ण राष्ट्र को भारी क्षति हुई है। वे समाजवादी आंदोलन के अंतिम स्तंभ थे। 30 35 वर्षों तक राजसत्ता में बने रहकर भी कभी बेईमानी की दाग अपने दामन पर नहीं लगने दिया। रघुवंश बाबू गांधी लोहिया और जयप्रकाश नारायण के सिद्धांतों पर चलने वाले अडिग नेता थे।

ईश्वर से प्रार्थना है की उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को इस संकट की घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करें।मैं भारत सरकार और बिहार सरकार से अनुरोध करता हूं कि उनके निधन पर 3 दिनों का राजकीय शोक दिवस घोषित किया जाए।

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