सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद रेलवे के किनारे बसे लोगों में है दहसत

सिमुलतला ।। रेल लाइन के किनारे बने घरों को हटाये जाने का समाचार से दहसत में है सिमुलतला रेल किनारे बसे हुए लोग।यहां बता दें कि  सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार तीन महीने के अंदर दिल्ली रेलवे किनारे बसे 48 हजार झुग्गी झोपड़ियों को हटाने को कहा गया है।  कहीं उक्त आदेश का असर से सिमुलतला में भी कार्रवाई ना हो जाय, ऐसे असंका से जंहा एक और दहसत वयाप्त है वहीं भूस्वामियों का कहना है कि उक्त खाता खसरा का खतियान उनके पूर्वज के नाम से है,  कुछ  भूस्वामी रेल सरकार से रसीद कटवाने तक का दावा कर रहें हैं।सूत्रों की माने तो सन1965 एवं 1966 में लगातार सुखाड़ होने के कारण अनाज की पैदावार घटकर 20%हो गया था,जिसे अकाल घोसित किया गया, उस समय देश के  तत्कालकिन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया,और उसी समय  रेल सरकार ने स्थानिय किसानों को खेती के लिये भूमि बन्दोवस्त कर दिया था, और उस खाता खसारा वाले भूमिं का रेल सरकार द्वारा लगान भी वसूली की जाती थी, जो कुछ दिनों से बंद है।लेकिन इस बीच बड़ी- बड़ी इमारते भी बनाया गया है।जिसमें लोहिया चौक की एक तरफ का सम्पूर्ण बाजार की सभी दुकान  बैंक कार्यालय के साथ कई दो मंजिला एवं तीन मंजिला मकान भी बनाया जा चुका है ऐसे में रेल प्रशासन कोई कार्रवाई करती है तो इन  लोगों का सड़क पर आ जाना तय माना जा रहा है।वर्तमान में बसे हुए कुछ लोगों ने नाम नही प्रकाशित करने के शर्त पर बताया कि हमलोंग बिहार सरकार भूमि निबंधन शुल्क दे कर भूमि निबंधन कराया है और सालाना लगान देता हुँ, लगान वसूली का रसीद भी कटवाता हुँ।हमलोंगों के पास सारा कागजात मौजूद है जरूरत पड़ेगा तो कागजात भी दिखाऊंगा। वहीं लोहिया चौक बाजार स्थित दुकानदारों का कहना था कि इतना बड़ा बाजार बनने में कोई एक दिन नहीं लगा है। अगर रेलवे की जमीन होता तो रेल इतने दिनों तक कभी किसी को क्यों नहीं रोका हमलोग अपने जमीन जगह बेच कर मोटी रकम से घर दुकान बनवाया है अगर हमलोंगों को सरकार हटाती है तो हमलोंगों को पहले रोजगार व मुआबजा देना होगा तब हमलोग हटेंगें।इधर गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली रेलवे के किनारे बने 48 हजार झुग्गी झोपड़ियों को तीन महीने में हटाने का आदेश दिया है।दिल्ली हावड़ा मुख्य रेल मार्ग के आसनसोल मण्डल के सिमुलतला  में भी सर्वोच्च न्यायालय का आदेश के  तर्ज पर अगर कार्रवाई किया गया तो सिमुलतला का लोहिया चौक स्थित बाजार  का ही खात्मा तय हो जाएगा।

क्या होता है, " खतिहयान"

 "खतियान "( खतयोनि ) शब्द से बना है । जिस कागजात  में भूमिं का पूरा पूरा और सपष्ट पहचान वर्णित हो जैसे भूमिं का जमींदार का नाम रैयत का नाम ,रैयत का पिता का नाम,जाती, सकुनत, तोजी नम्बर,गांव का नाम,राजस्व थाना का नाम एवं नम्बर,प्रगना, मौजे के पूरा वर्णन के साथ - साथ प्रत्येक  भूस्वामी का खाता नम्बर,खेसर नम्बर,एवं रकवा स्पष्ट वर्णित होता है।

इस वाबत जसीडीह रेलवे के सहायक कार्य अभियंता (आ ए ई एन)एस के सिंह ने बताया कि बी क्लास की जमीन भी रेल की ही है,उसमें  खतियानदार या अन्य किसी लोगों का किसीभी प्रकार का दावा गलत है। बी क्लास  पर जो भीअवैध निर्माण है उसपर कार्रवाई की जाएगी और बी क्लास की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।

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