सजने लगा माँ का दरबार

भगवानपुर प्रखंड से नीरज कुमार की रिपोर्ट 

भगवानपुर ।। कल से शुरू होने वाली शारदीय नवरात्र 17-10-2020 मे माँ मुंडेश्वरी का दरबार सजने लगा है चहल- पहल बढ़ने लगा है दुकानदारों मे भी काफी उत्साह है और करोना को ध्यान में रखते हुए माक्स और सेनेटाइजर का भी प्रयोग करना है 


17 अक्टूबर- मां शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना

18 अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी पूजा

19 अक्टूबर- मां चंद्रघंटा पूजा

20 अक्टूबर- मां कुष्मांडा पूजा

21 अक्टूबर- मां स्कंदमाता पूजा

22 अक्टूबर- षष्ठी मां कात्यायनी पूजा

23 अक्टूबर- मां कालरात्रि पूजा

24 अक्टूबर- मां महागौरी दुर्गा पूजा

25 अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री पूजा


इस वर्ष माँ दुर्गा का आगमन घोड़े पर हो  रहा है। श्रीमद्देवीभागवत महापुराण के अनुसार जब अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा शनिवार को पड़े तो देवी का आगमन घोड़े पर होगा। 17 अक्टूबर 2020 को शारदीय नवरात्र प्रारम्भ हो रहा है। देवी का आगमन घोड़े पर शुभ नहीं माना जाता है। शासन और सत्ता के लिए अशुभ है। सत्ता परिवर्तन का योग बनता है। 

नवरात्रि का पर्व देवी शक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव है। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी शक्ति के नौ अलग-अलग रूप की पूजा-आराधना की जाती है। एक वर्ष में पांच बार नवरात्र आते हैं, चैत्र, आषाढ़, अश्विन, पौष और माघ नवरात्र। इनमें चैत्र और अश्विन यानि शारदीय नवरात्रि को ही मुख्य माना गया है। इसके अलावा आषाढ़, पौष और माघ गुप्त नवरात्रि होती है। शारदीय नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनायी जाती है। शरद ऋतु में आगमन के कारण ही इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।

सांस्कृतिक परंपरा

नवरात्रि में देवी शक्ति माँ दुर्गा के भक्त उनके नौ रूपों की बड़े विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। नवरात्र के समय घरों में कलश स्थापित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू किया जाता है। नवरात्रि के दौरान देशभर में कई शक्ति पीठों पर मेले लगते हैं। इसके अलावा मंदिरों में जागरण और मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की झांकियां बनाई जाती हैं।

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