प्रशासन के दवाब में उदय नवमी व रविवार होने के वाबजूद भी विसर्जित की गई दुर्गा महारानी की प्रतिमा

सिमुलतला ।। हमारे धर्म शास्त्रों के अनुसार नवमी एवं रविवार के दिन  घरों से बेटी एवं बहु की भी विदाई तक नही की जाती है।लेकिन प्रशासन के इस अड़ियल रवैये के कारण मां दुर्गा महारानी की प्रतिमा को रविवार के दिन उदय नवमी को विषर्जित करना पड़ा। पुलिस प्रशासन की यह कैसी नीति है चुनावी सभाओ में भारी भीड़ लगने पर वहां कोरोना का खतरा नही रहता है। वहीं यदि किसी मंदिर में कुछ श्रद्धालु एकत्रित हो जातें है तो पुलिस डंडा बरसाने लगती है। और इसे देखने वाला कोई  नही है।

सिमुलतला क्षेत्र में माता का भक्तों में एक दिन पूर्व प्रतिमा विसर्जन के लिये पुलिस की शख्त रवैया के कारण  काफी आक्रोश देखा गया।  इस संदर्भ में कनौदी पंचायत के सरपंच मनोरंजन प्रसाद, विकी सिंह, कमलेश कुमार, विशाल सिंह, अरबिंद सिंह, विकास यादव, संतोष यादव, मुकेश यादव सहित दर्जनों युवाओं ने बताया कि पूरे जिले में कहीं भी रविवार को प्रतिमा का विषर्जन नही हुआ फिर क्यों सिमुलतला थाना की पुलिस द्वारा बल प्रयोग का भय दिखाकर हमलोगों की प्रतिमा विषर्जित कराया गया। क्या पूरे जिले से हटकर सिर्फ सिमुलतला क्षेत्र के लिए एक अलग बनाया गया था। पुलिस आखिर इस प्रकार की दबंगई क्षेत्र के लोगों के साथ कब तक करती रहेगी।अब तो हमलोगों को धर्मशास्त्र के अनुसार पूजा करने की भी आजादी नही रह गई है। आखिर लोकतंत्र का क्या मतलब रह गया जब पुलिस के डंडो के इशारे पर अपने ही देश मे हमलोगोंको धर्म की धज्जियां उड़ाई जाएगी तो हमलोग इसकी शिकायत एक बार फिर वरीय अधिकारियों से करेंगे।

कहते है डीएसपी 

इस संदर्भ में झाझा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीशचन्द्र मिश्रा ने कहा कि वरीय अधिकारियों द्वारा यह शख्त निर्देश था कि रविवार को ही प्रतिमा विषर्जित कर दिया जाय, जिले के अन्य स्थानों पर लोगों के विरोध के कारण विषर्जन नही कराया जा सका, लेकिन सिमुलतला में सबकुछ शांतिपूर्वक सम्पन्न हो गया।

रिपोर्टर

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