
चुनाव में हार जीत के बीच किसानों को सताने लगी धान बेचने की चिंता
- Lalu Yadav, Reporter Jharkhand/Bihar
- Oct 31, 2020
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चांद ।। 28 अक्टूबर को चुनाव संपन्न होने के बाद हार जीत के बीच किसानों को धान बेचने की चिंता सताने लगी है चावल की बाजार मूल्य नीचे गिरने से हालत खराब हो गये हैं।धान के बाजार दर से किसानों को खेती में बहुत घाटे होने की संभावना है।किसान मजदूर संघर्ष समिति कैमूर किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है। कोविद 19 के उपजे हालात के बाद लाकडाउन से चावल सहित खद्यान की मार्केट दर बहुत नीचे चला गया है। चावल के वर्तमान दर पर किसानों को धान बेचना असंभव है। किसानों ने कहा कि समर्थन मूल्य का लाभ किसानों को नहीं मिलेगा तो किसानों की कमर टूट जायेगी। किसानों ने सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है। किसानों के खेतों में धान की फसल तैयार है किसान तैयार फसल को खलिहान में लाने के लिए आवश्यक तैयारी में पुरी तरह जूटे हुए हैं। धान की बाजार भाव के अंदाजा से किसानों के होश उडे हुए हैं। किसानों ने विधान सभा चुनाव में प्रत्याशी ओं के सामने समर्थन मूल्य दिलाने की मांग रखी थी। किसान शमशेर बहादुर सिंह सोनु सिंह सुनील कुमार सिंह विजय बिंद आदि ने कहा कि किसानों में चावल के बाजार मूल्य के कारण निराशा है। किसानों ने सरकार से आग्रह किया की धान की समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने के लिए प्रखण्ड स्तर पर क्रय केन्द्र खोले। इस संबंध में किसान मजदूर संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा कि किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने के लिए बडे़ पैमाने पर आंदोलन किया जायेगा। इस संबंध में मिलर मनोज कुमार सिंह ने कहा कि मंसुरी नाटी चावल का अधिकतम दर 11 सौ रूपये प्रति किवंटल है। इस संबंध में बीडीओ रवि रन्जन ने कहा कि किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ दिलाने के लिए सभी संभव प्रयास किया जायेगा।
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