केजी नंदा अस्पताल के द्वारा रोगियों का शोषण के लिए समिति ने भेजा लीगल नोटिस

चांद ।। नीजी अस्पतालों के द्वारा रोगियों के साथ गलत व्यवहार करने एवं शोषण करने को लेकर आये दिन शिकायत मिलती रहती है। ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के चंदौली हाइवे पर स्थित केजी नंदा अस्पताल का उजागर होने से हडकंप मचा हुआ है।प्रखण्ड पिपरिया गाँव के मधु देवी पति रवि खरवार ने कुछ दिन पहले गर्भाशय का आपरेशन केजी नंदा अस्पताल में कराई थी । 24 अक्टूबर को मरीज मधु देवी को अस्पताल से छूट्टी दी गई। मरीज मधु देवी ने सारे चार्ज की राशि का भुगतान भी कर दिया। लेकिन मरीज को नहीं जांच रिपोर्ट नहीं फीस की रसीद दी गई। बल्कि अस्पताल के चिकित्सक अखिलेश कुमार सिंह ने  मरीज के साथ पुर्व में किया गया गलत पेट के आपरेशन को वाद को स्टांप 35 एई 247606 से धोखे से समझौता करा लिया। मरीज मधु देवी ने सभी मामले की शिकायत भ्रष्टाचार व अपराध नियंत्रण समिति चांद के कार्यालय में  लिखित शिकायत किया। पीड़ित महिला की शिकायत पर चिकित्सक अखिलेश कुमार सिंह एवं केजी नंदा अस्पताल को महिला के लगाये गये  आरोप पर जबाब देने के लिए नोटिस अण्डर धारा 80 सीपीसी के तहत् भ्रष्टाचार व अपराध नियंत्रण समिति एवं किसान मजदूर संघर्ष समिति के वकील रामेश्वर पांडेय विधिक सलाहकार सिविल कोर्ट भभुआ  ने नोटिस भेज कर सात दिन में जबाब देने को कहा है। नोटिस में लिखा गया है कि भर्ती मरीज पीड़ित महिला को जांच रिपोर्ट फीस की मूल कांपी नहीं देना गंभीर अपराध है। नोटिस में लिखा गया है कि आरोपी के जबाब नही देने पर समिति न्यायालय में मुकदमा दर्ज कर सकती है। इस संबंध में समिति के वकील रामेश्वर पांडेय ने कहा कि केजी नंदा अस्पताल के प्रबंधन समिति के द्वारा पीड़ित महिला के साथ मेडिकल नियमों का पालन नहीं किया गया है। पीड़ित महिला के साथ पुर्व चिकित्सक के द्वारा गलत आपरेशन को महिला को धोखे में रखकर समझौता कराना गंभीर अपराध है।

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