पेट्रोल-डीजल मूल्य वृद्धि के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध दिवस: बाबू साहव

काॅरपोरेटों पर टैक्स लगाने की बजाए आम लोगों को परेशान कर रही मोदी सरकार -मनोज कुमार पाण्डेय

चकाई ।। बिहार के जिले सभी प्रखंडो में  पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस में लगातार हो रही मूल्य वृद्धि ने आम लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. महंगाई ने सारे रिकाॅर्ड तोड़ दिए हैं. इसके खिलाफ भाकपा-माले ने  राज्यव्यापी विरोध दिवस के तहत आज जमुई कचहरी चौक पर  भाकपा-माले जिला सचिव शम्भू शरण सिंह,आइसा प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू साहब,एक्टू के जिला प्रभारी बासुदेब रॉय, इंकलाबी नोजवान सभा के जिला प्रभारी जय राम तुरी के माले नेता प्रबीन पाण्डे के नेतृत्व में दर्जनों लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का पुतला दहन किया कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुऐ माले जिला सचिव शम्भू शरण सिंह ने कहा है कि आज पेट्रोल का दाम 100 रु. की सीमा रेखा पार कर गया है. पहले से ही भयानक मंदी व कई तरह के संकटों का सामना कर रही देश की जनता के लिए यह असहनीय स्थिति है. 

मौके पर उपस्थित आइसा प्रदेश उपाध्यक्ष बाबू साहब ने कहा कि 2018 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 84 डाॅलर/बैरल पेट्रोल की कीमत थी, तब भारत में वह 80 रु. प्रति लिटर था. 2021 में अभी जब अंतरराष्ट्रीय कीमत 61 डाॅलर /बैरल है, तो अपने यहां उसकी कीमत 100 रु. प्रति लिटर से भी अधिक हो गई है. इसके बनिस्पत 2008 में जब अंतरराष्ट्रीय कीमत 147 डाॅलर बैरल थी, तो हमारे यहां पेट्रोल काफी कम यानि 45 रु. प्रति लिटर की दर से बेचा जा रहा था. जाहिर सी बात है कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी का तर्क पूरी तरह बोगस है. अभी सरकार पेट्रोल पर तकरीबन 60 और डीजल पर 54 प्रतिशत टैक्स लेती है. यह टैक्स लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हमारी मांग है कि सरकार जनता पर लगाए गए टैक्स को कम करे और काॅरपोरटों पर टैक्स बढ़ाने का काम करे.मौके पर माले नेता ब्रह्मदेव ठाकुर, मोहम्द हैदर, शंकर गुप्ता, रामदेव राणा, अर्जुन शर्मा, राजेंद्र गोस्वामी, मुन्ना बरनवाल, मुकेश रजक, बहादुर तांती सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे

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