कोविड से हुई मौत परिवार पर टूटा दु ख का पहाड़ नहीं मिली सरकारी सहायता

चांद से अभिमन्यु सिंह की रिपोर्ट

 चांद  ( कैमूर )।।  प्रखण्ड के शिव रामपुर पंचायत में पतेरी गाँव के युवक की मौत कोरोना संक्रमण से होने के बाद भी कोई सरकारी सहायता नहीं मिली। परिवार में पत्नी तीन छोटे बच्चे बेसहारा घर में रो रो कर बुरा हाल। युवक की मौत 10 दिन से अधिक होने के बाद भी परिजनों को कोई सुविधा नहीं मिली है। न ही कोई अधिकारी हाल जानने के लिए घर पंहुच पाये ।कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद भी सरकारी सहायता नहीं मिलने पर सरकार के द्वारा कोविद से मृत्यु होने पर मिलने वाले अनुदान पर सवाल उठने लगे हैं पतेरी गाँव के रतन गुप्ता  उम्र 33 पिता पुनवासी गुप्ता रोजगार की तलाश में बम्बई में जाकर काम करता था। नीरज बम्बई में जो कमाता उसी  से परिवार का भरणपोषण चलता था। नीरज कोविद 19 के पहले लहर में घर वापस आ गया था। कोरोना संक्रमण का असर कम होने के बाद दुबारा बम्बई कमाने गया हुआ था। नीरज की अप्रैल महीने में बम्बई में तबियत खराब हुई तो भागकर घर वापस आ गया। इलाज कराने के लिए  बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय बनारस  गया। इलाज के दौरान टेस्ट कराने पर युवक कोरोना संक्रमण पाया गया। नीरज का काशी हिन्दू विश्वविद्यालय  अस्पताल में कुछ दिन इलाज होने के बाद मृत्यु हो गई। नीरज के मृत्यु होने के बाद परिवार बेसहारा हो गया। परिवार में खाने पिने की समस्या हो गई। इस कठिन परिस्थिति में पीड़ित परिवार को नहीं सरकार नहीं अधिकारी काम आये। सरकार द्वारा मिलने वाला कोविद अनुदान भी तकनीकी पेंच में फंस गया। मुखिया महेंद्र सिंह ने सरकार से  नीरज गुप्ता के परिवार को आर्थिक मदद देने की मांग की।कोरोना संक्रमण से मौत होने पर मिलने वाला चार लाख अनुदान के तकनीकी अडचन पर अंचल अधिकारी नागेंद्र कुमार ने कहा सरकार के मौखिक आदेश में बिहार में मरने वाले कोविद मरीज के लिए अनुदान देय है। मुखिया महेंद्र सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण से मरने वाला युवक के परिजन के पास सारे साक्ष्य मौजूद हैं। उन्होंने ने कहा इस कठिन समय में पीड़ित परिवार की तत्काल मदद की आवश्यकता है। मुखिया महेंद्र सिंह ने कहा पंचायत के द्वारा जो संभव था पीड़ित परिवार का मदद किया गया।

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