किसान महासम्मेलन में बक्सर से आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने राज्य सरकार पर जमकर साधा निशाना

जिला संवाददाता संदीप कुमार की रिपोर्ट 

कैमूर - भभुआ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बेलाव में आयोजित किसान महासम्मेलन में पूर्व कृषि मंत्री सह बक्सर से आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि इस देश में हर किसी को सभा करने और अपनी मांग रखने का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन यहां के स्थानीय सिविल एसडीओ ने किसान महासम्मेलन को लेकर शर्त रखी कि कार्यक्रम स्थल पर किसी भी राजनीतिक पार्टी का झंडा या चिन्ह नहीं लगाया जाएगा। इस पर उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा, “यहां के एसडीओ का दिमाग खराब हो गया है, ऐसे अफसरों को इलाज के लिए रांची भेजना पड़ेगा। आपकी हैसियत नहीं है कि आप किसी कार्यक्रम को रोक दें।


जदयू कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाए जाने पर सुधाकर सिंह ने जदयू पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में जदयू नाम की कोई पार्टी अब नाममात्र की बची है। उन्होंने दावा किया कि विधानसभा चुनाव के बाद जदयू का भाजपा में विलय तय है। उन्होंने कहा कि यह सब केवल बिहार के आम मतदाताओं को भ्रमित करने की चाल है। चुनाव में जदयू और भाजपा अलग-अलग लड़ेंगे लेकिन नतीजों के बाद दोनों एक हो जाएंगे। इसलिए बिहार के लोगों को यह समझना चाहिए कि जदयू को वोट देने का मतलब भाजपा को ही वोट देना है। बक्सर सांसद ने डोमिसाइल नीति को लेकर कहा कि राष्ट्रीय जनता दल सत्ता में आने पर 100% डोमिसाइल नीति लागू करेगा। उन्होंने कहा कि इस पर इंडिया गठबंधन में सहमति बन चुकी है और राष्ट्रीय जनता दल इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने नीतीश कुमार सरकार पर इस नीति को लेकर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि आरजेडी इस नीति का जोरदार विरोध कर रही है। सुधाकर सिंह ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राजद और लालू यादव बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का सम्मान नहीं करते। पलटवार करते हुए सुधाकर सिंह ने कहा, “राजनाथ सिंह जी जिस आरएसएस से आते हैं, उसी के एक महासचिव दत्तोपंत ठेंगड़ी ने कहा था कि भारत के संविधान से समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्द हटाने चाहिए। तो राजनाथ सिंह जी बताएं कि वे मनुस्मृति में विश्वास रखते हैं या भारतीय संविधान में? चुनाव आते ही भाजपा और आरएसएस के लोग संविधान को कमजोर करने की कोशिश करते हैं, लेकिन हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे।


सुधाकर सिंह ने कहा कि इस समय धान की रोपनी चल रहा है। इसके लिए किसानों को एक माह पिछे नहर से पानी मिला है। बिहार के शहरों में 20-20 घंटा बिजली मिलती है। जबकि किसानों को मात्र 8 घंटा बिजली मिलती है। जिससे किसानों का काम नहीं चलने वाला है। अगर हम लोगों की सरकार बनती है तो किसानों को 18-18 घंटा बिजली किसानों को मिलेगी। अगर इससे कम मिला तो बिजली बिल नहीं लिया जाएगा। ऐसा हम लोग कानून बनायेंगे। इन दिनों जो स्मार्ट मिटर लग रहा है वह स्मार्ट चिटर है। किसानों को समय से खाद,बिज नहीं मिलता है। युरिया कहने को तो 265रुपये मुल्य है। जब इसका खरिदारी किसान करते हैं तो उसको एक नैनो दुकानदारों द्वारा धरा दिया जाता है। इस प्रकार देखा जाए तो 4 सौ रुपए प्रति बोरी युरिया पड़ता है। जब किसानों की धान, गेहूं, मक्का खरिदने की बारी आती है तो सरकार कहती हैं कि इसके लिए मेरे पास कोई ब्यवस्था नहीं है। आप लोग पैक्स वाले के पास जाईए। पैक्स वाले उनका ही धान, गेहूं खरिदारी करते हैं जिसने उनको वोट दिया है। डीएम साहब को जब प्रति क्विंटल दो से तीन सौ रुपए मिलेगा तब पैक्स को धान, गेहूं खरिदने के लिए पैक्स को कहा जाएगा। यह हाल पुरे प्रदेश में है। बिना नाम लिए कहा कि राज्य के मुख्य मंत्री अचेत हो गए हैं। इस लिए उनका दिमाग काम नहीं करता है।जब किसानों को उनका हक नहीं मिल रहा तो मुख्य मंत्री को सरकार चलाने का कोई अधिकार नहीं है। प्रदेश में इन दिनों लोक तंत्र मर गया है। केन्द्र सरकार द्वारा एक्सप्रेसवे बनवाया जा रहा। इसके लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है।

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