पोखरे के रास्ते पर जानेवाली जमीन पर रख दिया नाद और बाँधने लगे पशु

नुआंव, कैमूर से प्राची सिंह की रिपोर्ट


नुआंव, कैमूर ।। पोखरे के रास्ते होकर जानेवाले जमीन पर किसीने झोपडी डाल दिया तो कोई नाद रख पशु बांधने लगा। जल छाजन की जमीन और रास्ता अतिक्रमित हो गया। यह हाल है चन्डेश पंचायत के मोरथ गांव के उत्तर स्थित पोखरा युक्त रस्ते का, जो अतिक्रमण की भेंट चढ़ते जा रहा है। जिसपर अतिक्रमणकारियों की संख्या बढ़ती जा रही है। पोखरा का अस्तित्व संकट में पड़ते जा रहा है। जिसका खामियाजा उक्त रस्ते ट्रेक्टर लेकर सिवान में खेत जोतनेवाले किसानों को भुगतना पड़ता है। पोखरे की जमीन पर एक सामुदायिक भवन है, जो उपेक्षित पड़ा है। एक तरह से कहें तो उसपर भी कब्जा है। हालाँकि यह जैसा भी है, यह सरकारी भवन है। उसका उपयोग अपने निजी हक में करना गलत है। ग्रामीणों का कहना है कि पोखरा का अस्तित्व मिटते जा रहा है, कब्जा करनेवालों का हौसला बढ़ते जा रहा है। यदि प्रशाशनिक का राजनैतिक पहल कर इसे पोखरा न सही खेल ग्राउंड ही बना दिया जाता तो युवाओं का भला होता। सड़क और खेत में खेलने वाले बच्चे खेल मैदान पर खेलते। समस्या खासकर गांव के उत्तर और पूरब केजबिल लगे ट्रेक्टर ले जाने वाले किसानों की है। जिन्हें उक्त रस्ते ट्रेक्टर ले जाने में दिक्कत होती है। क्योंकि सरकारी जमीन कब्जा किये लोगों से डर लगता है। इस जमीन पर लोग सुबह शाम नाद में पशुओं को चारा डालते हैं तो राहगीरों को आने जाने में परेशानी होती है। लोग पशुओं के पीछे से होकर रास्ता पार करते हैं। अधिकांश ग्रामीण अतिक्रमण की समस्या को लेकर आक्रोशित हैं। कुछ लोग इन्हें संरक्षक दे अतिक्रमण करा रहे हैं।

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