जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पांच से 15 अगस्त तक विशेष कैंप का होगा आयोजन

- पीएमएमवीवाई-केस के सभी लंबित आवेदनों का निष्पादन किया जाएगा

- योजना के पात्र लाभुकों को पंजीकृत कर योजना का दिया जायेगा लाभ

आरा (भोजपुर) ।। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के तहत अधिक से अधिक महिलाओं को जागरूक एवं लाभान्वित करने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इस क्रम जिले में पीएमएमवीवाई को गति देने के उद्देश्य से जिले के सभी परियोजना कार्यालयों  में पांच से 15 अगस्त यानी दो सप्ताह तक विशेष कैंप का  आयोजन किया जायेगा। इसको लेकर आईसीडीएस के निदेशक ने पत्र जारी कर सभी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि विशेष कैंप आयोजित कर योजना के अंतर्गत नये योग्य लाभुकों को पंजीकृत करके पीएमएमवीवाई-कैस के सभी लंबित आवेदनों का निष्पादन किया जाये। सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विशेष कैंप आयोजित कर लंबित आवेदनों का निष्पादन किया जाये। इसके साथ ही द्विवतिय व तृतीय किस्त का भुगतान करना सुनिश्चित किया जाये। पीएमएमवीवाई कैस के लाभार्थियों के आवेदन प्रपत्र प्रत्येक दिन सत्यापित किये जाएंगे।

पीएमएमवीआई में भोजपुर 26वें स्थान पर :

विशेष कैंप के संबंध में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी माला कुमारी ने बताया, जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीआई) के लिए अभी तक 58260 (लक्ष्य का 104 %) लाभार्थियों का पंजीकरण किया गया है। जिसकी बदौलत राज्य में भोजपुर जिला 26 वें स्थान पर है। उन्होंने बताया, पांच से 15 अगस्त तक चलने वाले विशेष अभियान में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में आवेदन करने वाली गर्भवती महिलाओं की उम्र 19 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। इस योजना के अंतर्गत उन महिलाओं को भी पात्र माना जायेगा जो 1 जनवरी 2017 या उसके बाद गर्भवती हुई हैं। राशन कार्ड, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, माता पिता दोनों का आधार कार्ड, बैंक खाते की पासबुक, माता पिता दोनों का पहचान पत्र होना चाहिए।

तीन किस्तों में मिलती है योजना की राशि : 

राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक पियूष पराग यादव ने बताया, संस्थागत प्रसव में इजाफा एवं गर्भवती महिलाओं को विशेष सुविधा मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत की गयी है। इस योजना के तहत प्रथम बार मां बनने वाली माताओं को 5000 रुपये की सहायक धनराशि दी जाती है। जो सीधे गर्भवती महिलाओं के खाते में डीबीटी के माध्यम से पहुंचती है। इस योजना के तहत दी जाने वाली धनराशि को तीन किस्तों में दिया जाता है। पहली किस्त 1000 रुपये की तब दी जाती है जब गर्भवती महिला अपना पंजीकरण कराती है। दूसरी किस्त में 2000 रुपये गर्भवती महिला को छः माह बाद होने प्रसव पूर्व जांच के उपरान्त दी जाती है। तीसरी और अंतिम किस्त 2000 रुपये बच्चे के जन्म पंजीकरण के उपरांत एवं प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने के बाद दिया जाता है।

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