आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को सिखाये जा रहे कोविड संक्रमण से बचाव के गुर

- हाथों की साफ सफाई करने के साथ व्यायाम की दी जा रही है जानकारी

- बच्चों को बनाया जा रहा है मानसिक रूप से मजबूत और शारीरिक रूप से तंदरूस्त

बक्सर ।। कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के प्रसार से बच्चों की सुरक्षा को लेकर सभी चिंतित हैं। चूंकि अब तक 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोविड वैक्सीन की डोज नहीं लगी है। इसलिए अभिभावकों का डर लाजमी है। लेकिन, बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाना और उनमें कठिन परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता विकसित करना भी हम सबकी जिम्मेदारी है। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं बच्चों को कोविड-19 के संभावित संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूक करने का काम कर रही हैं। ताकि, उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण व उसके बचाव की जानकारी दी जा सके। जिले के डुमरांव प्रखंड स्थित कोड संख्या 47 आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को जहां संक्रमण से बचने के लिए हाथों की साफ सफाई करने की जानकारी दी जा रही है, वहीं शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने के लिए व्यायाम करना भी सिखाया जा रहा है। जो बच्चों को न केवल मानसिक रूप से मजबूत करेगा, बल्कि शारीरिक रूप से भी तंदरूस्त रखने में कारगर साबित होगा।

साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी :

आंगनबाड़ी केंद्र (कोड संख्या-47) की सेविका लीलावती देवी का कहना है, बच्चों व अभिभावकों को हाथों की स्वच्छता को लेकर पूर्व दे ही जागरूक किया जाता रहा है। लेकिन, संक्रमण काल में साफ-सफाई की महत्ता काफी बढ़ गयी है। जिसको लेकर बच्चों को और भी ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। बच्चों व अभिभावकों को बताया जाता है कि कोविड के सामान्य नियमों का पालन करने से किस प्रकार से हम संक्रमण की संभावना को कम कर सकते हैं। उन्होंने बताया, आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को साबुन से अच्छे तरीके से हाथों की सफाई करने के बारे में बताया जाता है। जिसके बाद उन्हें प्रैक्टिकल कर दिखाया जाता है। साथ ही, खेलकूद के बाद, शौच के बाद और खाना खाने से पहले एक-एक बच्चे को साबुन से हाथ धुलवाया जाता है। साथ ही, अभिभावकों को भी बच्चों की स्वच्छता को लेकर प्रेरित किया जाता है।

सेविका की पहल से अभिभावक भी खुश :

आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित आदित्य कुमार की माता रंजू देवी व पिता प्रभुनाथ पासवान सेविका की इस पहल से काफी खुश है। आदित्य के पिता प्रभुनाथ ने बताया, जब से जिले में कोविड-19 का प्रसार चालू हुआ है, वे अपने बच्चों को लेकर काफी चिंतित रहते थे। फिलहाल जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक चिंता बनी रहेगी। हालांकि, घर में बच्चों का ख्याल रखा जाता है। वहीं, बच्चे की जिद और लाड के कारण उनको ज्यादा समझा नहीं पाते। लेकिन, आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे एक दूसरे को देख कर सीखते है और उसे अपने दिनचार्य में शामिल करते हैं। उन्होंने बताया, उनका बेटा आदित्य अब परिवार के बाकी सदस्यों को साबुन से हाथ साफ करने के लिए टोकने लगा है। जो अच्छी बात है।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट