'स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा' के तहत स्वस्थ्य बच्चों की होगी पहचान, किया जाएगा प्रमाणित

• छह साल तक के बच्चों को स्वस्थ व पोषित बनाने की शुरू होगी पहल खास पहल

• प्रतिस्पर्धा के माध्यम से बच्चों की लंबाई एवं वजन को मापा जाएगा 

आरा ।। कुपोषण को दूर करने व पोषण के प्रति लाभुकों को जागरूक करने के लिए सरकार योजनाओं को नित सुलभ और सुविधाजनक बना रही है। साथ ही, उक्त योजनाओं की निगरानी के लिए तकनीक का सहारा लिया जा रहा है। ताकि, योजनाओं का लाभ सभी पारदर्शी तरीके से उठा सकें। इसी क्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित सामुदायिक बाल विकास स्कीम के अंतर्गत लाभुकों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण के प्रति संवेदनशीलता तथा जागरूकता बढ़ाने के लिए जिले में ‘स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा’ अभियान शुरू होने जा रहा है। इस स्पर्धा का संचालन व विजेताओं का चयन पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से किया जाएगा।

आठ से 14 जनवरी तक संचालित होगी स्पर्धा :

एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) जिला कार्यक्रम अधिकारी माला कुमारी ने बताया, स्वस्थ बालक एवं बालिका स्पर्धा कार्यक्रम 8 जनवरी से जनपदवार अभियान के रूप में शुरू किया जाएगा, जो कि 14 जनवरी तक चलेगा। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य एजेंसियों आईसीडीएस के साथ इस कार्यक्रम के लिय सपोर्टिंग रोल में काम करेंगी। इस प्रतिस्पर्धा के माध्यम से बच्चों की लंबाई एवं वजन को मापा जाएगा। जिसके आधार पर उनमें सुपोषित और कुपोषित बच्चों का चिन्हित किया जायेगा। जो बच्चे सुपोषित निकलेंगे उनको प्रमाणित किया जाएगा। उन्होंने कहा, स्वस्थ्य बच्चे की पहचान करते हुए उसको एवं उसके परिवार को सम्मानित करते हुए अपने बच्चे के पोषण स्तर के प्रति समुदाय में जागरूकता बढ़ाने एवं व्यवहार परिवर्तन करने की दिशा में यह कार्यक्रम प्रभावी सिद्ध होगा।

मूल्यांकन में कोई भी ले सकता है हिस्सा :

राष्ट्रीय पोषण मिशन जिला समन्वयक पीयूष पराग यादव ने बताया, नए साल में स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है जिसका उद्येश्य 0 से 06 साल तक के पोषित बच्चों को चिन्हित कर उनमें पोषण को बनाये रखने के साथ-साथ परिवार एवं समुदाय को बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति संवेदित एवं जागरूक करना है। इस मूल्यांकन में कोई भी हिस्सा ले सकता है। इसके लिये पोषण ट्रेकर एप या वेब साइट (https://poshantracker.in) के माध्यम से खुद को पंजीकृत करना होगा। इस अभियान का उद्देश्य है कि शून्य से 06 साल तक के सभी बच्चों की ट्रेकिंग हो जाए, जिसके आधार उनकी काउंसिलिंग की जाएगी। इस स्पर्धा के सफल संचालन के लिये 24 दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर पर डीपीओ, सीडीपीओ व सभी समन्वयक के साथ साथ सहायकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाना है।

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