आजादी के 75 वर्ष बाद भी ग्रामीण घुटन भरी जिंदगी जीने को विवश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने किया पुनः जांच

चन्द्र भूषण तिवारी की रिपोर्ट


भभुआ।। जिला के भभुआँ प्रखंड अंतर्गत सोनहन थाना क्षेत्र के कैथी पंचायत बगईचा ग्रामवासि सरकार के मूलभूत सुविधाओं से है वंचित, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पदाधिकारी योगेंद्र कुमार सिंह उर्फ योगी द्वारा पुनः किया गया निरीक्षण। आपको बताते चलें कि हमारा देश इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं सालगिरह अमृत महोत्सव के रूप में मनाया।पर आजादी के 75 वर्षों के बाद भी भभुआँ प्रखंड के सोनहन थाना क्षेत्र अंतर्गत कैथी पंचायत के बगईचा ग्रामवासी सरकार द्वारा चलाए जा रहे अनेकों मूलभूत सुविधाओं  से दूर है।बिहार सरकार के नल जल योजना अंतर्गत आधे बस्ती को आधी अधूरी पानी मिलती है तो आधे बस्ती को जल का ठिकाना नही, यानी नल जल योजना ठप है। ग्राम वासियों द्वारा विद्युत का कनेक्शन लिया गया है मीटर भी लगा है, पर खंभे का ठिकाना नहीं।बांस एवं बल्ली पर पूरे गांव में तार फैलाया गया है इतना ही नहीं 11 हजार केवी का तार छत के ऊपर से गुजरा हुआ है जब ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत जिला पदाधिकारी से किया गया तो विद्युत विभाग कर्मियों द्वारा सिर्फ पेपर में, अन्य जगह प्रदर्शित कर दुरुस्त दिखाया जा चुका है।जिससे कि कभी भी कोई बड़ी घटना दुर्घटना होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।गांव की मुख्य सड़क में नाली की व्यवस्था ना होने एवं सड़क ना होने की वजह से कीचड़ का अंबार लगा हुआ है, साथ ही घास  पुस सड़क की शोभा बनाने की वस्तु बनी पडी़ है। नेशनल हाईवे 2 से बगईचा गांव को जोड़ने वाली सड़क भी जर्जर स्थिति में है किसी वाहन से चलने की बात तो छोड़ा जाए पैदल चलने के योग्य भी नहीं है। नेशनल हाईवे 2 से पट्टी पुल के रास्ते मानपुर, तियरा, सोनडिहरा होते हुए नेशनल हाईवे 219 को जोड़ने वाली सड़क जो कि बगईचा गांव होकर निकलता है। मात्र 50 फीट की दूरी की वजह से अवरुद्ध है। जिसके वजह से ग्रामीणों को जिला मुख्यालय जाने के लिए लंबे सफर तय करनी पड़ती है। सरकार द्वारा सरकारी स्कूल भी मान्यता प्राप्त है। नाम के लिए दो रूम भी बनाया गया है पर रूम ना के बराबर है, जर्जर स्थिति में है, बच्चे देश के भविष्य हैं यह देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। ग्रामीणों का कहना है कि केवल एक व्यक्ति की वजह से पूरे ग्रामीणों को आवागमन के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।गांव के ही राजेंद्र यादव जिनके द्वारा अतिक्रमण कर सड़क के भूमि को अवरुद्ध किया है। ग्रामीणों द्वारा अनेकों बार पदाधिकारियों से गुहार लगाया जा चुका है पर कोई भी पदाधिकारी इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है। साथ ही ग्रामीणों का आरोप है कि कभी कोई पदाधिकारी कुछ ध्यान ददिया भी जाता हैं तो पैसे की बदौलत इस संदर्भ में सिर्फ कागज में ही लीपापोती कर गांव का विकास दर्शा दिया जाता है। सरकार की ओर से दलित एवं महादलित बस्तियों के लिए अलग से भी योजनाएं चलाया जा रहा है पर इस गांव में अधिसंख्य महादलित वर्ग के लोग निवास करते हैं फिर भी मूलभूत सुविधाएं नगण्य है।इस संदर्भ में पूर्व में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पदाधिकारी जोगेंद्र कुमार सिंह उर्फ जोगी के द्वारा आयोग के तहत कैमूर जिला के पदाधिकारियों से जवाब तलब किया गया था। इस के संदर्भ में पदाधिकारियों द्वारा कागजी प्रक्रिया में सब कुछ दुरुस्त दिखाया गया है जो कि बहुत ही चिंता का विषय है। जांच के क्रम में ग्रामवासी अजय सिंह, रंजय सिंह,सिपरसधन सिंह, राकेश चौधरी, मुन्ना चौधरी, सत्येंद्र चौधरी, जितेंद्र चौधरी, गोलू यादव, अशोक सिंह, सूरज कुमार, लालू यादव,अशोक सिंह, धीरेंद्र सिंह, संजय सिंह, जीवित चौधरी के साथ ही अनेकों ग्रामीण उपस्थित रहे।

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