पूर्व कृषि मंत्री के समर्थन में किसानों ने निकाला शांति मार्च ईमेल के माध्यम से भेजा दस सुत्रीय मांग का ज्ञापन

जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भूषण तिवारी की रिपोर्ट


कैमूर ।। मोहनियाँ अनुमंडल अंतर्गत दुर्गावती स्टेट बैंक के सामने डाकबंगला से दुर्गावती बाजार एवं मोहनियाँ कैमूर होटल के सामने से मोहनियाँ बाजार तक कैमूर किसान यूनियन संघ के अध्यक्ष हरि सिंह के नेतृत्व में कैमूर किसान यूनियन संघ के पदाधिकारी एवं सदस्यों के साथ ही जिला के किसानों द्वारा पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के समर्थन में शांति मार्च निकाला गया व बिहार सरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमेल के माध्यम से 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भेजा गया।

किसानों द्वारा मांग पत्र में विभिन्न विषयों का उल्लेख किया गया। निरंतर किसान हितैषी बात करने वाले तथा प्रखर होकर सरकार की कमियों तथा विभागों की कमी को रखने वाले, किसान हितैषी कृषि मंत्री से इस्तीफा क्यों लिया गया। क्या लोकतंत्र और नैतिकता के लिए यह गलत नहीं है की जो व्यक्ति सही बोलें और किसान हित में बोले उसकी आवाज दबा दी जाए। बढ़िया सूट बूट पहन कर जिम्मेदार कुर्सियों पर बैठे पदाधिकारी रोज किसानों का शोषण करते हैं।क्या यह बात जनता नहीं जानती या शासन में बैठे लोग नहीं जानते उनके खिलाफ क्या कोई मंत्री का बोलना या कारवाई करना अंसवैधानिक है तो कृपया इन सभी बातों से किसानों को अवगत कराया जाए। अगर चोर कहना तथा जुता मारना कहना अमर्यादित है तो पदाधिकारीयों द्वारा जनता का शोषण करना, रौब जमाना, सुनवाई न करना, बाट माप, लेबर विभाग या किसी भी विभाग में बार बार व्यक्ति को चक्कर कटवाना तथा दलालों के माध्यम से रूपये खिलाने पर कार्य हो जाना कौन से मर्यादा में आता है।मुख्यमंत्री इस पर भी प्रकाश डालें। शिकायतों का सरकार के पोर्टल पर पिटारा भरा पड़ा है। आज तक किसी भी पदाधिकारी पर कार्रवाई क्यों नहीं होते।

मुख्यमंत्री अगर ये सारी बातें गलत है तो सुधाकर सिंह को तत्काल कृषि मंत्रालय का पदभार दिया जाये। वर्षों से बिहार के किसानों के बकाया बिजली बिल को माफी या समाधान योजना के तहत नियमित किया जाए जैसा की बाकी राज्यों में हुआ है। जिससे किसानों को सुचारू रूप से वैधानिक बिजली प्राप्त हो तथा सरकार को भी रेवेन्यू प्राप्त हो। धान की पराली जलाने से रोकथाम के लिए पराली का बंडल बनाने के लिए गुणवत्ता युक्त तथा सौ प्रतिशत सफल बेलर पर अनुदान प्रदान किया जाए। बिहार कृषि विभाग द्वारा रद्दी क्वालिटी के चिन्हित बेलर को जबरन किसानों को देकर खानापूर्ति की प्रक्रिया को बंद किया जाए।फसल खरीदारी में मंडी कानून को लागू कर मल्टीपल एजेंसी द्वारा खरीदी की व्यवस्था शुरू की जाए,ताकि पैक्सो का भ्रष्टाचार समाप्त हो सकें।खरीदी की जो सरकार द्वारा तिथि निर्गत की जाती है उसी दिन से व्यवहारिक रूप से फसल की खरीदारी शुरू हो। फसल अधिप्राप्ति का किसी भी एजेंसी में आँनलाइन नम्बर लगे तथा किसान को अनाज लाने कि एक तिथि दी जाए, जो पारदर्शी तरीके से चले। फसल खरीदी के जो भी मानक हो वो न्यूज पेपर के माध्यम से गजट किया जाए तथा नमी और खाद का भी मानक होना चाहिए।

किसी भी एजेंसी द्वारा किसान का अनाज न लेने तथा किसी भी किसानों से जुड़े विषय की शिकायत के लिए जिले में एक किसान शिकायत शेल हो जिसपर शिकायत नोट कराने के 48 घंटे के अंदर उक्त किसान का फसल खरीद लिया जाना चाहिए तथा पैक्स पर तुरंत कार्यवाही की प्रक्रिया होनी चाहिए। किसानों को पैक्स के माध्यम से उर्वरकों की उपलब्धता कराई जाए, किसानों को पैक्स द्वारा क्रेडिट कार्ड, बीज इत्यादि की समुचित व्यवस्था कराई जाए। विस्कोमान या जो भी उर्वरक वितरण केन्द्र है उसपर नियमित उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए तथा रेट कि निगरानी समितियां हो।प्रखंड के पदाधिकारी प्रत्येक महीने में पंचायत भवन पर बैठक करे जिसमें मुखिया, पैक्स अध्यक्ष, सरपंच तथा इनकी कार्यकारिणी के साथ साथ ग्रामीण और किसान उपस्थित रहें ताकि किसी भी समस्या का त्वरित निराकरण हो सके।ढ़णहर पम्प कैनाल को चालू कराने की प्रक्रिया को पूर्ण करा कर दिसंबर से गेहूं की बुवाई में पानी दिया जाए, जिससे किसान रबी की सिंचाई कर सके तथा भूगर्भ जलस्तर रिचार्ज हो सके। जो इस सुखे की वजह से निचे चला गया है। सम्पूर्ण जिले के प्रत्येक मुख्य सिवानों में रोड, रेलवे ट्रैक या अन्य कारणों से जल भराव की विकट समस्या उत्पन्न हो रही है जिसके कारण फसले नष्ट हो जा रही है जिसको सामंजस्य बिठाकर खत्म किया जाए।

वर्तमान में कृषि विभाग बिहार सरकार कृषि यंत्रों पर जो अनुदान देती है, उसके लिए कुछ खास कम्पनी तथा खास दुकानें चिन्हित की हैं जिस कारण से गुणवत्तापूर्ण यंत्र नहीं मिल पाता है। विषेश दुकान या विशेष कम्पनी कहीं न कहीं कमीशनखोरी तथा भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करतीं हैं। इस प्रक्रिया को बंद कर एक स्वतंत्र प्रक्रिया अपनाई जाए।जिससे किसान कहीं से खरीदी कर रशीद लगा दें जिसका सत्यापन किसान सलाहकार या एसएमएस करें।माननीय मुख्यमंत्री जी इन सभी मुद्दों पर कृपया अपना ध्यान केंद्रित कर संवेदनशीलता दिखाते हुए तथा किसानों के दर्द को समझते हुए संज्ञान ले तथा उक्त कार्यों के क्रियान्वयन के तत्काल आदेश जारी करें। उक्त अवसर पर किसान यूनियन के पदाधिकारी व सदस्यों के साथ ही जिले से हजारों की संख्या में किसान उपस्थित रहें।

रिपोर्टर

संबंधित पोस्ट