जिला के अधिकारी पर मुखिया भारी मजबूर दिख रहे अंचल पदाधिकारी




संवाददाता कुमार चन्द्र भूषण तिवारी की रिपोर्ट




कैमूर- जिला के अपर समाहर्ता  के आदेश के विरुद्ध कुदरा प्रखंड अंतर्गत नेवरास पंचायत के मुखिया पड़ रहे भारी, मजबूर दिख रहे अंचल पदाधिकारी। मिली जानकारी के अनुसार जिला के कुदरा प्रखंड अंतर्गत नेवरास पंचायत के मौजा बजरकोना व पठखौलिया, थाना नंबर 655 खाता खेसरा 38 रकबा 0.13 एकड़ भूमि किस्म छवरा सर्वसाधारण की भूमि है।उक्त भूमि को गांव के ही मुरारी रस्तोगी पिता स्वर्गीय बृजनाथ रस्तोगी, चोखी सिंह पिता बृज बिहारी सिंह, राजगृह सिंह पिता बबुआ सिंह, संतोष सिंह पिता स्वर्गीय हृदय नारायण सिंह द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया था। जिसके वजह से ग्रामवासी सूरज जायसवाल के मुर्गी फार्म एवं खेती करने के लिए आवागमन बाधित हो गया। जिसके वजह से सूरज जयसवाल के करीब 5 बीघा जमीन पर अनेकों बर्षो से खेती नहीं हो पा रहा है। सूरज जायसवाल द्वारा पंचायत के मुखिया धर्मेंद्र सिंह उर्फ पिंटू से अनेकों बार गुहार लगाया गया। उनके द्वारा अनेकों बार आश्वासन दिया गया कि मिलजुल कर बातचीत कर आपके लिए रास्ता दिलाया जाएगा। पर उनके द्वारा कोई प्रतिक्रिया न होते देख सूरज जायसवाल द्वारा अंचल पदाधिकारी कुदरा से वर्षों तक गुहार लगाया गया, अनेकों अंचल पदाधिकारी आए और गए पर किसी के द्वारा भी समस्या का समाधान नहीं किया गया। पीड़ित द्वारा विगत वर्ष में अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष समस्या के समाधान हेतु आवेदन के माध्यम से गुहार लगाया गया, अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा पीड़ित का परिवाद अस्वीकृत कर दिया गया। पीड़ित द्वारा प्रथम अपील के तहत अपर समाहर्ता भभुआ से गुहार लगाया गया परिणाम स्वरूप अपर समाहर्ता द्वारा अंचल पदाधिकारी कुदरा पंकज कुमार को निर्देशित किया गया कि उक्त भूमि को यथाशीघ्र अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। अपर समाहर्ता के निर्देशों का पालन करते हुए, अंचल पदाधिकारी द्वारा 22 नवंबर को स्थल पर पहुंचकर भूमि अतिक्रमण मुक्त कराते हुए अपनी उपस्थिति में जेसीबी के माध्यम से परिवादी के आवागमन हेतु कच्ची सड़क का निर्माण कराया गया। पंचायत के मुखिया धर्मेंद्र सिंह उर्फ पिंटू के द्वारा 24 नवंबर को स्थल पर पहुंचकर जेसीबी के माध्यम से बने हुए कच्ची सड़क को तहस-नहस करा दिया गया।परिवादी द्वारा 25 नवंबर को पुनः अपर समाहर्ता कैमूर से गुहार लगाया गया।जब इस संदर्भ में अंचल पदाधिकारी से वार्तालाप किया गया तो उनके बातों में स्पष्ट रूप से बेबसी झलक रहा था। फिर भी उनके द्वारा कहा गया कि आगे कार्यवाही किया जाएगा, मामले को निपटा लिया जाएगा। अब देखना यह है कि अपर समाहर्ता के आदेशों के तहत अंचल पदाधिकारी द्वारा किए गए कार्यों के विपरीत कानून की धज्जियां उड़ाने वाले मुखिया के विरुद्ध अंचल पदाधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं।

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