प्रशासन ने पीड़ित को बनाया अपराधी छेड़छाड़ का मामला दर्ज- प्रशासन पर सवालिया निशान

कैमूर ।। जिला के दुर्गावती थाना क्षेत्र के करारी गांव में दलित परिवार को मुस्लिम समुदाय द्वारा बेरहमी से दौड़ा दौड़ा कर मारना उपरांत दलित परिवार पर छेड़खानी का मामला दर्ज करना, कैमूर प्रशासन पर सवालिया निशान है। बीते दिनों दुर्गावती थाना क्षेत्र के करारी गांव में दलित परिवार के द्वारा मुस्लिम समुदाय को गोवंश नहीं बेचना, धमकी के बाद गोवंश चोरी होना, जिसकी जांच पड़ताल करने हेतु दलित परिवार को बेरहमी से दौड़ा दौड़ा कर मारना। सभी साक्ष्य होने के बावजूद भी अभी तक 17 अपराधियों में से मात्र दो का हाजिर होना 15 अपराधियों का स्वतंत्र घूमना। उलट प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार पर समझौता के लिए दबाव बनाना, समझौता न करने पर पीड़ित के विरुद्ध ही छेड़छाड़ का मामला दर्ज करना कैमूर प्रशासन की गुलामी झलकने के साथ ही प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान है। संविधान की दुहाई देने वालों यह समाज व देश के लिए शर्मनाक है। मामला स्थानीय थाना प्रभारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी व कैमूर पुलिस अधीक्षक के साथ ही जिला पदाधिकारी सहित जिला के अन्य पदाधिकारियों के भी संज्ञान में है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मोहनियां फैज अहमद खान द्वारा 4 मई को मीडिया बंधुओं के समक्ष दिए गए साक्षात्कार में। मीडिया द्वारा यह पूछने पर कि क्या मामला दोनों पक्ष द्वारा दर्ज कराया गया है, तो उन्होंने कहा कि नहीं एक पक्ष दलित परिवार द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति थाना में  मामला दर्ज कराया गया है। कुल 17 लोग नामजद हैं, दो की गिरफ्तारी हो चुकी है,बाकी अपराधियों की गिरफ्तारी हेतु प्रशासन सक्रिय है। उन्होंने तो यहां तक कहा कि दो भाइयों का मामला है। क्या दो भाइयों में भी इस तरह से कोई एक दूसरे की खून का प्यासा हो तो अपराध नहीं है? थाना प्रशासन द्वारा 6 तारीख को दलित परिवार से बताया गया कि आप 8 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। ‌जब 4 मई को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी यह कहते है, कि मामला सिर्फ एक ही वर्ग दलित वर्ग की ओर से दर्ज कराया गया है। तो 3 तारीख को पीड़ितों के विरुद्ध मामला दर्ज कैसे हो गया। यह प्रमाणित होता है कि मामले को वापस लेने हेतु गंदी मानसिकता की  गुलामी निभाते हुए प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा पीड़ित के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। लगता है कैमूर प्रशासन वही कार्य करेगा जो दबंग और पूंजीपति चाहेंगे। जिसकी लाठी उसकी भैंस।

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