जिला में स्वास्थ्य व शिक्षा दिख रही दलालों के हाथ की कठपुतली

मनमाने ढंग से कर्मी व अधिकारी करते हैं संचालन


जिला संवाददाता कुमार चन्द्र भुषण तिवारी

कैमूर ।। जिला में स्वास्थ्य व शिक्षा दिख रही दलालों के हाथ की कठपुतली। यदि देखा जाए तो आम जनमानस के लिए स्वास्थ्य व शिक्षा अति आवश्यक है‌‌। एक गरीब से गरीब व्यक्ति अपने खाने-पीने रहने का व्यवस्था तो कर लेता है, पर बच्चों को शिक्षा दिलाने में व बड़ी बीमारीयों की चपेट में आने के बाद इलाज की खर्च उठाने में असफल हो जाता है। सरकार द्वारा इन दोनों विषयों पर पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। सरकार द्वारा इन दोनों के लिए नि:शुल्क व्यवस्था का दंभ भरा जाता है। पर कैमूर जिला में अक्सर यह देखने को मिलता है की इन दोनों जगहों में सेवारत कर्मियों द्वारा मनमाने ढंग से कार्य किया जाता है ।

संबंधित पदाधिकारीयों से जब बात किया जाता है तो उनके द्वारा कार्यवाही की बात तो कहा जाता है पर कभी कार्यवाही किया नहीं जाता। पूर्व में अनेकों मामले विभाग से संबंधित पदाधिकारीयों के साथ ही पत्राचार के माध्यम से जिला पदाधिकारी को भी अवगत कराया जा चुका है, पर आश्वासन के अलावा कभी कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिला। वर्तमान में ऐसा ही मामला सोमवार को कुदरा प्रखंड क्षेत्र के बसही गांव स्थित आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बसही बसावन पर देखने को मिला जहां कर्मियों द्वारा 1:00 बजे ही स्वास्थ्य केंद्र को बंद कर दिया गया था। ग्राम वासियों की माने तो स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों द्वारा ऐसे ही मनमाने ढंग से स्वास्थ्य केंद्र का संचालन किया जाता हैं। जब इच्छा होता है आते हैं और एक-दो घंटा संचालित कर बंद कर चले जाते हैं तो कभी स्वास्थ्य केंद्र खुलता ही नहीं। इस संदर्भ में दूरभाष के माध्यम से जिला चिकित्सा पदाधिकारी से जब वार्तालाप किया गया तो उनके द्वारा कहा गया कि अभी मैं जानकारी लेती हूं आगे कार्यवाही किया जाएगा। वही 2:30 बजे के लगभग राजकीय कृत मध्य विद्यालय बसही बसावन में पहुंचने पर पाया गया कि अध्यापकों द्वारा बच्चों की छुट्टी कर दिया गया है। मौके पर उपस्थित शिक्षकों से जब वार्तालाप किया गया तो उनके द्वारा कहा गया कि मेला लगा हुआ है जिसके वजह से सभी बच्चे चले गए। पर ग्रामीणों की माने तो आए दिन ऐसे ही होता है। दूरभाष के माध्यम से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पुष्पा कुमारी से जब वार्तालाप किया गया तो उनके द्वारा कहा गया, कि मैं अभी अन्य जगह में आई हूं कार्यभार किसी और के जिम्मे  है।

वही जिला शिक्षा पदाधिकारी सुमंत शर्मा से जब दूरभाष के माध्यम से वार्तालाप किया गया तो उनके द्वारा सर्वप्रथम विभाग की स्थानीय अधिकारि से बात करने की बात कह कर टालने की कोशिश किया गया। पर जब उनसे पूर्ण बात बताने के बाद विश्वास जनक जवाब नहीं दिया गया। ऐसे देखा जाए तो जिला शिक्षा पदाधिकारी को पूर्व में भी जिला के अन्य स्कूलों के विषय में बताया गया था, पर उनके द्वारा अभी तक किसी भी प्रकार कार्यवाही देखने को नहीं मिला। सूत्रों की माने तो जहां कहीं भी किसी स्कूल या स्वास्थ्य विभाग का शिकायत अधिकारियों तक पहुंचता है, तो उनके द्वारा दलालों के माध्यम से मोटी रकम वसूल कर मामले को रफा दफा कर दिया जाता है। यदि यह कहा जाए की जिला में स्वास्थ्य व शिक्षा दलालों के हाथ की कठपुतली है तो यह गलत नहीं होगा। क्योंकि सरकार के निर्देशों की अनदेखी कर मनमानी ढंग से कर्मी व अधिकारी करते हैं संचालन।

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