नहीं थम रहा पराली जलाने का सिलसिला

फसल काटने के पश्चात पराली को जलाकर आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाने का सिलसिला बदस्तूर जारी 

हमेशा बना रहता है पर्यावरण प्रदूषण व बीमारियां फैलने का खतरा 

संवाददाता दिनेश तिवारी की रिपोर्ट 

चेनारी (रोहतास)- थाना क्षेत्र अंतर्गत मलहर और वीर नगर सहित अन्य गावों के बधारों में  किसनों द्वारा पराली जलाने का सिलसिला जारी है जिला प्रशासन व सरकार के अन्य विभागों द्वारा  समय-समय पर आदेश तो जारी होते है, परन्तु उन आदेशों का पालन स्थानीय स्तर पर कहां तक हो रहा है कारवाई व सुनवाई धरातल पर हो रहा है की नहीं यह देखने की जहमत अधिकारी नहीं उठाते है। जिला प्रशासन हर वर्ष पराली जलाने पर पाबंदी के आदेश जारी करता है, जिसमें पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करने व सजा की कानूनी कार्रवाई का प्रावधान रहता है। लेकिन फसल काटने के पश्चात पराली को जलाकर आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। जिसके चलते पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है और बीमारियां फैलने का खतरा भी बना रहता है। एक ऐसा ही आदेश 27 अप्रैल को जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किया गया था तथा इस संबंध में जिलाधिकारी रोहतास नवीन कुमार के अध्यक्षता में सभी जिला स्तरीय, अनुमंडल स्तरीय, प्रखंड स्तरीय कृषि पदाधिकारी तथा अंचलाधिकारी के साथ आपदा प्रबंधन के पदाधिकारी के साथ विडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक आयोजित किया गया था जिसमें पराली जलाने वालों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था तथा कृषि विभाग के सभी पदाधिकारी एवं प्रसार कर्मियों के साथ राजस्व कर्मचारी क्षेत्र में रहकर पराली जलाने वाले को चिन्हित करते हुए विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन चेनारी प्रखंड की बात की जाए तो यहां पराली जलाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। मलहर, वीर नगर एवं अन्य गावों के सिवानों में किसानों द्वारा पराली जलाने का काम निरंतर जारी है चेनारी कूदरा स्टेट हाइवे हो या शिवसागर चेनारी स्टेट हाईवे हो सड़क किनारे खेतो में जलाये गये पराली का अवशेष आपको जरूर दिखाई देगें।  आवागमन करने वाले हजारों लोगों को दिखाई पड़ती भी है लेकिन स्थानीय स्तर पर स्थानीय अधिकारियों द्वारा उक्त के विरुद्ध अब तक कोई ठोस पहल या ठोस कार्रवाई नहीं की गई है लोगों का कहना है कि पराली जलाने का अवशेष स्पस्ट तौर पर देखा जा सकता है लेकिन चेनारी अंचलाधिकारी पूजा शर्मा एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी शम्भू कुमार को दिखाई नहीं पड़ती है कुल मिलाकर स्थानीय अधिकारी मूकदर्शक बन बैठे है। मंगलवार के शाम को मलहर और वीर नगर के सिवान में पराली जलाये जाने की घटना को राष्ट्रीय सागर संवाददाता द्वारा ग्राउंड जीरो पर जाकर कैमरे में कैद किया गया। यह एक दिन की बात नहीं है आप अगर चेनारी से शिवसागर या कुदरा से चेनारी आने जाने के क्रम में सड़क के किनारे खेतों में पराली जलाने का साक्ष्य देख सकते है या पराली जलते हुए भी देखा जा सकता है बतादे कि विगत 14 दिन पहले ही मलहर के सिवान में किसानों द्वारा पराली जलाये जाने के कारण मथही गांव निवासी चन्द्रमा तिवारी का दो मुर्गा फार्म जल कर राख हो गया था एवं लाखों की संपति का नुकसान भी हुआ था। लेकिन इन सब घटनाओं से स्थानीय अधिकारीयों पर कोई फर्क पड़ा और न ही कोई सबक लेते हुए पराली जलाने वाले के खिलाफ बड़े पैमाने पर कारवाई की गई। अगर पदाधिकारीयों के द्वारा उक्त के विरुद्ध धरातल पर स्पस्ट तौर पर कारवाई की गई होती तो पराली जलायें जाने की घटना से क्षेत्र वासियों को कबका निजात मिल गया होता या पराली जलाने का सिलसिला रूक गया होता। लेकिन करवाई भी हुई होगी तो सिर्फ कागजी व खानापूर्ति करके छोड़ दिया गया होगा या कार्रवाई के नाम पर जांच चल रही होगीं और फाइलों में दबी होगी। लोगों का कहना है चेनारी अंचलाधिकारी व प्रखंड कृषि पदाधिकारी के उदासीन रवैया के कारण पराली जलाने वाले किसानों का मनोबल दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है अगर अधिकारियों द्वारा ससमय इनके विरुद्ध जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी व विधि सम्मत कार्रवाई नहीं की गई तो  पर्यावरण को प्रदूषित होने से एवं तथा बीमारियां फैलने से कोई नहीं रोक सकता। क्षेत्र के समाजसेवीओं व बुद्धिजीवियों का कहना है कि जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा हमेशा हमेशा के लिए पराली जलाये जाने की घटना पर पूर्ण विराम लगायें जाने की जरूरत है।

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