मवेशियों की चोरी से पशुपालकों में दहशत

चोरी की घटनाओं से क्षुब्द किसान संघर्ष मोर्चा ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

"प्रतिनिधि मंडल नहरों में पानी छोड़ने हेतु किया आग्रह"

कैमूर--- भभुआं जिला में लगातार पशुओं की चोरी से पशुपालकों में  दहशत, विरूद्ध में किसान संघर्ष मोर्चा जिला कैमूर, के अध्यक्ष विमलेश पांडेय के नेतृत्व में  कैमूर की नहरों, दुर्गावती जलाशय बांध से कैमूर सेक्टर में पानी देने एवं जिला में पशुओं की लगातार हो रही चोरी रोकने के लिए जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन। ज्ञापन सौंपते हुए जिलाधिकारी से किसान का प्रतिनिधिमंडल ने नहरों में पानी छोड़ने एवं पशुओं की चोरी रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा यदी सिर्फ पिछले सप्ताह का जिला के रामपुर प्रखंड अंतर्गत मइडाढ, अकोढी, उफरौली, दामोदर पुर, बनौली आदि गांवों से पशु तस्करों द्वारा लगातार भैंस, गाय, बकरी आदि पशुओं की चोरी की जा रही है। लगातार चोरी की घटनाओं से किसान एवं पशुपालक दहशत में हैं। किसानों के लिए खेती के अलावा, पशुपालन अर्थ का स्रोत है। किसानों के दरवाजे एवं घर से किसानों के भैंस गाय एवं बकरी चोरी हो जा रही है।इस संबंध में बसनि के किसान नेता अनिल सिंह ने कहा, छोटे छोटे किसानों के लिए पशुपालन एक आय का साधन है।अपने पशुओं को बचाने के लिए किसान रात रात भर जागकर रक्षा करते हैं। उन्होंने ने कहा जिला के अन्य जगहों सहित रामपुर प्रखंड में भी चोरी की घटना को अंजाम देने के लिए गिरोह सक्रिय है। प्रशासन से बार बार शिकायत करने के बाद भी अभी तक प्रशासन कोई विकल्प नहीं दें पाया। जबकि जिले में एक से डेढ़ वर्ष के अंतराल में पशु तस्करों के द्वारा सैकड़ों  सैकड़ गाय भैंस एवं बकरी की चोरी किया जा चुका है। उन्होंने ने कहा किसानों के द्वारा पशुओं की चोरी की घटनाओं का आवेदन पुलिस को देने के बाद भी पुलिस के द्वारा कोई कारवाई नहीं की गई। उन्होंने ने पुलिस के द्वारा उपेक्षा पूर्ण कार्य की निंदा की। जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने की जानकारी देते हुए किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर अध्यक्ष विमलेश पांडेय ने कहा कैमूर जिले में किसानों एवं पशुपालकों के पशुओं की चोरी नहीं रोकी गई तो आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने ने कहा कैमूर के सभी नहरों एवं दुर्गावती जलाशय बांध से कैमूर वितरणी में पानी छोड़ने की मांग की है। किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर महासचिव पशुपति नाथ सिंह ने कहा पशुओं की चोरी रोकने के लिए प्रशासन द्वारा आवश्यक कदम नहीं उठाया गया, तो किसान वेलांव थाना पर प्रदर्शन करेंगे। जिलाधिकारी से मिलने वाले प्रतिनिधि मंडल में टुनटुन सिंह श्याम नारायण सिंह आदि किसान शामिल रहें। यदि देखा जाए तो इस तरह की घटना जिला में बहुत निंदनीय है। कुछ प्रशासनिक कर्मी अपने कार्यों के लिए वफादार होते हैं, तो कुछ आर्थिक लोभ में जिस कार्य के लिए है, उस कार्य को अपना कार्य समझते ही नहीं, सिर्फ अर्थ का स्रोत समझते हैं। स्थानीय सूत्रों की माने तो 85% प्रशासनिक कर्मी अपनी निजी लोभ के चक्कर में कुछ भी कर बैठते हैं। अन्यथा धरातल पर इतनी अधिक वैमनस्यता उत्पन्न नहीं होता। प्रशासन का कार्य है किसी भी समस्या का तत्काल समाधान करना, ना की मनमानी और आर्थिक लोभ में कानून से खिलवाड़ करना। संदर्भ में थाना अध्यक्ष के दूरभाष नंबर पर जब संपर्क किया गया, तो उनके अनुपस्थिति में दूरभाष के माध्यम से अपर थाना अध्यक्ष के द्वारा बताया गया, कि प्रशासन तहकीकात में लगी है। कुछ सुराग मिला है उस पर अनुसंधान किया जा रहा है, प्रशासन बहुत जल्द ही गिरोह का भंडाफोड़ करेगा। जबकि प्रतिनिधि मंडल का कहना है कि प्रशासन से पहले भी शिकायत किया जा चुका है, और संदर्भ में यही उत्तर दिया गया था, और जिला के अधिकांश थानों की यही स्थिति है। अब यह सोचने का विषय है, की थाना की गाड़ी के अलावा, सभी थाना क्षेत्रों की 112 नंबर की गाड़ियां लगातार सड़क पर देखने को मिलता है,तो तस्कर फरार कैसे हो जाते है?

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