पद की मद व पैसे की खनक प्रशासन द्वारा पीड़ित के विरुद्ध एससी एसटी एक्ट का मामला किया गया दर्ज

"अपराधियों ने दलित एक्ट को बनाया हथियार"

युवक  को बेरहमी से पीटने के जुर्म में एक गिरफ्तार तीन प्रशासन की गिरफ्त से बाहर

कैमूर-- जिला के रामगढ़ थाना पद की मद में चूर जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि के द्वारा अपने कारिंदों की मदद से दलित एक्ट को हथियार बना पीड़ित के विरुद्ध कराया गया एससी एसटी एक्ट का मामला दर्ज, ऐसे होता है एससी एसटी एक्ट का दुरुपयोग। आपको बताते चले की विगत शुक्रवार की सुबह लगभग 9:00 बजे रामगढ़ थाना क्षेत्र के इसरी गांव में, सरकारी ट्यूबवेल से पानी लेने पर युवक को तीन लोगों द्वारा खेतों में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया था, जिसमें की जिला के जिला परिषद अध्यक्ष रिंकी देवी के पति विनीत सिंह उर्फ बंटी सिंह के द्वारा पद की बदौलत दबंगई और पैसों की खनक की बात सामने आ रही है।वायरल वीडियो में देखा जा सकता है, एक युवक जो की खेत को पटाने के लिए पानी लेने के लिए खेत में सरकारी ट्यूबवेल को चालू कर रहा है, तभी तीन लोग उसे दौड़ा-दौड़ा कर खेतों में जानवरों की भांति पिटाई कर रहे हैं, जिससे व्यक्ति पस्त होकर वहीं गिर पड़ता है फिर भी लोग ताबड़तोड़ ताबड़तोड़ डंडों से उसके ऊपर प्रहार कर रहे हैं। वहां है तो अनेकों लोग पर उसके बचाव के लिए कोई भी सामने नहीं आता है, जिस घटना की काफी निंदा की जा रही है। घटना के बाद मामले में जब पीड़ित थाना गया, तो प्रशासन द्वारा प्रथम दृष्ट्या साक्ष्य ना होने की बात कह, पीड़ित को मामला दर्ज न कराने की सलाह देकर वापस कर दिया गया। जब पीड़ित द्वारा प्रशासन को अमानवीय कृत का वीडियो सौपा गया तो मामला दर्ज किया गया। जिसके बाद शनिवार को जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि के द्वारा अपने यहां काम पर रखे हुए एक कामगर (जो की पीड़ित के ऊपर लाठी बरसाते वक्त की हमलावरों में सम्मिलित था) से पीड़ित के विरुद्ध एससी एसटी एक्ट का मामला दर्ज कराया गया। संदर्भ में थाना अध्यक्ष द्वारा कहां किया गया कि मामला दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है। अभी यह सोचने वाला विषय है की जो प्रत्यक्ष है, उसमें अनुसंधान की बात कहां से आती है। क्या जो व्यक्ति संख्या बल होकर, पैसों की लोभ में,  किसी के कहने से, एक निहत्थे व्यक्ति को दौड़ा दौड़ा कर लाठी डंडों से पिटाई कर रहे हैं वह दलित है? ऐसे लोग करते हैं पैसों के लोभ में एससी एसटी एक्ट का दुरुपयोग। यह कोई पहला मामला नहीं है आए दिन लोग अपराध कर सजा से बचने के लिए दलित एक्ट का प्रयोग करते हैं। थाना प्रशासन द्वारा पीड़ित के द्वारा दर्ज कराए मामले में, उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब देखना यह है कि क्या कैमूर जिला का शासन प्रशासन पीड़ित व्यक्ति को न्याय दे पाता है, या पद और पैसों की खनक पर कार्यवाही से विमुख हो जाएगा। अभी तक इस अमानवीय कृत्य के एक अपराधी पुलिस थाने में जाने के बाद गिरफ्तार किया गया है जबकि तीन खुलेआम घूम रहे हैं।

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