जातिगत आरक्षण व जातिगत कानून देश में फैला रहा वैमनस्यता- जैनेंद्र तिवारी

  जातिगत व अयोग्यता आरक्षण समर्थक नेताओं पर रा.सु.का. के तहत हो कार्रवाई

"आरक्षण विरोधी संगठन व पार्टियों की ओर से बिहार विधानसभा 2025 के चुनाव में करहगर विधानसभा से होंगे भावी प्रत्याशी"

कैमूर--जिला के कुदरा प्रखंड स्थित राष्ट्रीय सवर्ण समाज संघ प्रदेश कार्यालय में औपचारिक मुलाकात के क्रम में, वार्तालाप के दौरान राष्ट्रीय सवर्ण समाज संघ बिहार प्रदेश कार्यकारिणी अध्यक्ष सह कलमकार जैनेंद्र तिवारी उर्फ चातर बाबा के द्वारा बांग्लादेश की वर्तमान विकट स्थिति एवं बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार पर चिंता व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की ऐसी विकट की स्थिति का मुख्य कारण आरक्षण ही है। भारत में भी जातिगत आरक्षण व जातिगत कानूनों की वजह से वैमनस्यता फैल रहा है, जातिगत आरक्षण वह जातिगत कानूनों की वजह से योग्यता का बलात्कार हो रहा है, जो कि कहीं से भी देश हित में नहीं है। एक योग्य व्यक्ति यदि किसी विभाग में ऊंचे पद पर पहुंचता है, तो वह हजारों लोगों को रोजगार दे सकता है। पर एक अयोग्य व्यक्ति के हाथ में किसी विभाग का कमान सौंप दिया जाए तो वह विभाग दिन प्रतिदिन कमजोर होगा।भारत के संविधान अनुच्छेद 14 के तहत सभी धर्म समुदाय जाति लिंग क्षेत्रवासियों को समानता का अधिकार है,अनुच्छेद 14 समानता की अवधारणा को मूर्त रूप देता है, जिसमें कहा गया है कि सरकार द्वारा किसी भी व्यक्ति को कानून के तहत समान व्यवहार से वंचित नहीं करना चाहिए और साथ ही भारत के भीतर समान अधिकारों की गारंटी देनी चाहिए। पर धरातल पर देखा जाए तो लोकतंत्र के मंदिर से ही सत्ता में बने रहने के लिए धर्म, जाती, लिंग व क्षेत्र के आधार पर ऐसे कानून सर्वसम्मति से पारित कर दिया जाता है जो की कहीं से भी देश हित में नहीं है, ऐसे कानूनों की वजह से धर्म और जाति के आधार पर लोगों में वैमनस्यता फैल रहा है जिससे राष्ट्र को खतरा है। जाति का तो वह योग्यता आरक्षण समर्थक नेताओं पर रासुका के तहत कार्यवाही होनी चाहिए। कहां तो जाता है कि सभी के लिए सामान्य कानून है पर है नहीं। यह कैसा कानून है यह कैसा संविधान है जिसमें की एक वर्ग को एक क्षेत्र में वोट देने का अधिकार तो है पर चुनाव लड़ने का नहीं। धर्म आधारित लिंग आधारित जाति आधारित क्षेत्र आधारित द्वेष अपराध है तो ऐसे दुर्भावना पूर्ण कानून सर्वसम्मति से पारित कैसे हो जाता है, क्या हमारे लोकतंत्र के मंदिर में सिर्फ अपराधी ही बैठे हैं। यदि देश का विकास करना है, देश को प्रगति पथ पर पहुंचना है तो ऐसे कानूनों को समाप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि आरक्षण विरोधी संगठन व पार्टियों की ओर से बिहार विधानसभा 2025 के चुनाव में करहगर विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरूंगा। यदि जनता ने विश्वास जताया तो सामान्य कानूनों के लिए समानता के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए वचनबद्ध हुं।

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