करंट से हुई बंदर की मौत, दुख में बंदरिया ने दी जान

रोहतास।  रोहतास जिले के डेहरी इलाके में एक अनोखी और दुखद प्रेम कहानी का अंत हुआ। इस घटना में मुख्य पात्र इंसान नहीं, बल्कि दो बंदर थे, जिनकी प्रेम और वियोग की यह कहानी लोगों के दिलों को छू गई। इस भावुक घटना ने यह साबित कर दिया कि सिर्फ इंसान ही नहीं, जानवर भी सच्चे प्रेम और वफादारी के प्रतीक होते हैं। घटना डेहरी इलाके के डालमियानगर-सिंघौली रोड की है, जहां एक बंदर और उसकी साथी बंदरिया उछल-कूद कर रहे थे। आपको बताते चलें कि वही घटनास्थल के पास एक पेड़ था, जिसके पास से हाई वोल्टेज बिजली की तारें गुजर रही थीं। अचानक, बंदर गलती से बिजली के हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया। करंट की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि बंदर को जोरदार झटका लगा और वह तार से नीचे गिर गया। करंट से बुरी तरह झुलसने के कारण बंदर की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे के बाद स्थानीय लोग दुखी हो गए और उन्होंने बंदर के शव का अंतिम संस्कार करने की तैयारी शुरू कर दी। जब बंदर की मौत हुई, तो उसकी साथी बंदरिया कुछ दूरी से यह सारा दृश्य देख रही थी। उसने अपने साथी को इस हालत में देखा और वो बहुत उदास हो गई। वही स्थानीय लोगों के अनुसार, वह बंदरिया बेहद विचलित और दुखी नजर आ रही थी। लोग बंदर के शव का अंतिम संस्कार करने में लगे हुए थे, तभी अचानक बंदरिया ने एक चौंकाने वाला कदम उठाया। उसने अचानक बिजली के उन्हीं तारों पर छलांग लगा दी, जिनकी चपेट में आकर उसके साथी की मौत हुई थी। करंट के झटके से तुरंत उसकी भी मौत हो गई। इस घटना के बाद स्थानीय लोग और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। वही बंदर और बंदरिया की यह प्रेम कहानी इलाके में चर्चा का विषय बन गई। कई लोगों का मानना है कि बंदरिया ने अपने साथी के प्रति अटूट प्रेम और वफादारी का प्रमाण देते हुए अपनी जान दी। यह घटना प्रेम और त्याग की अनोखी मिसाल बन गई, जिसने सभी के दिलों को झकझोर दिया। कुछ स्थानीय लोगों ने कहा कि यह घटना हमें दिखाती है कि जानवर भी प्रेम, वियोग और संवेदनाओं को समझते हैं। बंदरिया की मौत को लोग एक तरह से “सुसाइड” के रूप में देख रहे हैं, जो उसने अपने साथी के वियोग में किया। यह कहानी लोगों के बीच इंसानी प्रेम कहानियों से अलग नहीं मानी जा रही है। बंदर और बंदरिया की इस दर्दनाक और अनोखी प्रेम कहानी के बाद स्थानीय लोगों और वन विभाग की टीम ने मिलकर दोनों का हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया। बंदर और बंदरिया को पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ विदाई दी गई। इसके बाद, स्थानीय लोगों ने दोनों की समाधि बनाई, ताकि उनकी प्रेम कहानी हमेशा याद रखी जा सके। इस घटना ने न केवल इलाके के लोगों को भावुक कर दिया, बल्कि यह भी बताया कि जानवरों में भी प्रेम और भावनाओं की गहराई होती है, जो किसी इंसान से कम नहीं होती। यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग इसे जानवरों के बीच के अनोखे रिश्ते और प्रेम की मिसाल के रूप में देख रहे हैं। कई लोग यह कह रहे हैं कि बंदरिया ने अपने साथी की मौत से दुखी होकर जान दी। कुछ लोग इसे अंधविश्वास से जोड़ते हुए आत्मबलिदान की कहानी मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे जानवरों की भावनाओं का प्रदर्शन मान रहे हैं।

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