
दुर्गा पूजा में अग्नि से सुरक्षा हेतु अग्निशमन विभाग द्वारा दिया गया विभिन्न दिशा निर्देश
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, ब्यूरो चीफ कैमूर
- Oct 02, 2024
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संवाददाता जैनेंद्र तिवारी की रिपोर्ट
कुदरा(कैमूर)- थाना परिसर में शारदीय नवरात्र व दशहरा के अवसर पर हुए शांति समिति की बैठक में अग्निशमन विभाग द्वारा दुर्गा पूजा में अग्नि से सुरक्षा हेतु दिया गया विभिन्न दिशा निर्देश। आपको बता दें कि शारदीय नवरात्रि व दशहरा के अवसर पर सनातन धर्म अनुयायियों द्वारा जगह-जगह मूर्ति स्थापित कर पूजा पाठ किया जाता है, जिस अवसर पर अग्नि से सुरक्षा हेतु मोहनिया अग्निशमन विभाग कुदरा थाना क्षेत्र अंतर्गत कार्यरत अग्निशमन फाइटर मनोज कुमार के द्वारा बताया गया कि पंडाल निर्माता पंडाल हमेशा भारतीय मानक ब्यूरो आई.एस. 8758- 1993 के अनुरूप ही बनाएं। पंडाल का निर्माण सिंथेटिक कपड़ों से ना कर सुत्ती कपड़ों से करें। पंडाल के प्रत्येक 100 वर्ग मीटर स्थान पर अग्निशमन नियंत्रण 09 लीटर क्षमता का अवश्य लगायें। पंडाल का निर्माण रेलवे लाइन विद्युत सब स्टेशन चिमनी या भट्ठे से कम से कम 15 मीटर की दूरी पर हो। पंडाल के चारों तरफ चार-पांच मीटर खुला स्थान अवश्य रखें। पंडाल में कम से कम तीन द्वार रखें जाएं एक सामने दो पार्श्व में। प्रत्येक पंडाल के लिए अलग से फ्यूज सर्किट ब्रेकर लगाए जाएं, बिजली के तार को अच्छे से टाइपिंग करें, यदि संभव हो तो बिजली का तार बी.पी.सी. पाइप से गुजारा जाए! बिजली कट जाने पर स्पार्कलेस लाइट का प्रयोग करें। पूजा करते समय धुप, आरती, दिया आदि सावधानी से एवं सुरक्षित स्थान पर जलाएं व जलते समय तक एक व्यक्ति उसे पर ध्यान दें। अस्थाई रसोई घर को पंडाल से 200 मीटर की दूरी पर बनवाएं, हवन कुंड के पास चार बड़े ड्रम पानी बाल्टी एवं मग के साथ अवश्य रखें। स्थानीय अग्निशमन केंद्र का टेलीफोन नंबर जगह-जगह अवश्य प्रदर्शित करें, और रावण दहन वैसी जगह की जाए जहां पर पर्याप्त जगह हो उसके लिए एक सुरक्षा घेरा भी बनाया जाए। पंडाल 3 मीटर से कम ऊंचाई का ना लगे, पंडाल बनाने में सिंथेटिक सामग्री से बने कपड़े या रस्सी का प्रयोग ना करें, पंडाल बिजली की लाइन के नीचे किसी भी दशा में ना लगे, किसी भी स्थिति में बिजली तार को खुला ना रखें, किसी भी स्थिति में लाइट हेतु मोमबत्ती दिया आदि का प्रयोग ना करें, हैलोजन लाइट का प्रयोग पंडाल के अंदर ना करें, पंडाल परिसर में धूम्रपान न करें, पंडाल के अंदर हवन कुंड का प्रयोग ना करें, यदि आवश्यक हो तो पंडाल से बाहर एवं खुले सुरक्षित स्थान पर किया जाए। आग लगने की स्थिति में तत्काल 101 नंबर के साथ ही 112 नंबर या स्थानीय थाना को तत्काल सूचित करें।
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