धर्म विशेष के भावनाओं के विरुद्ध डीजे पर गुंजा गंदी संभाषण, नही सुन पाए सैकड़ो की संख्या में मौजूद शासनिक प्रशासनिक अधिकारी कर्मी

 संदिग्ध वीडियो वायरल होने के कारण अनुपस्थित लोगों पर मामला दर्ज 

कैमूर-- जिला में श्रद्धा भक्ति भावना से लक्षित शांति व सौहार्दपूर्ण तरीके से नवरात्री पुजा, विजयादशमी(दशहरा) पूजा के पश्चात रविवार को शांतिपूर्ण तरीके से प्रतिमा विसर्जन परिभ्रमण जूलूस के संपन्नता के मध्य, नगर पंचायत कुदरा रेलवे स्टेशन दुर्गा पूजा समिति की ओर से प्रतिमा विसर्जन परिभ्रमण जूलूस में, कुदरा बाजार स्थित मस्जिद चौक के पास धर्म विशेष के विरुद्ध डीजे पर गुंजे गंदे संभाषण को नही सुन पाए मौके पर उपस्थित अनुमंडल स्तर के अधिकारियों समेत स्थानीय पदाधिकारी व कर्मी। आपको बता दें की सनातन धर्म अनुयायियों के द्वारा नगर पंचायत कुदरा में रविवार को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन परिभ्रमण जुलूस निकाला गया था। जिसमें तीन स्थलों की मूर्तियां सायं लगभग 7:30 बजे तक नगर परिभ्रमण कर चुका था, जिसके बाद नगर पंचायत के कुदरा स्टेशन दुर्गा पूजा समिति की ओर से स्थापित मूर्ति का विसर्जन परिभ्रमण जुलूस निकाला गया। जिसमें मोहनियां अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रदीप कुमार के साथ ही स्थानीय शासनिक प्रशासनिक पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि, समाज सेवक, सम्मानित जनता मौजूद थे, जिनके उपस्थिति में प्रतिमा परिभ्रमण जुलूस संपन्न हुआ, पदाधिकारीयों द्वारा उपस्थित जनमानस के समक्ष संतोष व्यक्त किया गया। तत्पश्चात एक संदेहास्पद वीडियो वायरल होने लगा जिससे अधिकारी परेशान हो गए किसी नतीजे तक न पहुंचने की स्थिति में मौन रहना पसंद किये। पर संदिग्ध वीडियो के आधार पर  द्श जुलूस से अनुपस्थित लोगों पर भी मामला दर्ज किया जा चुका है, जबकि वायरल वीडियो नगर पंचायत कुदरा बाजार मस्जिद चौक का बताया जा रहा है जहां की अनुमंडल पदाधिकारी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सही भारी संख्या में प्रशासन बल मौजूद था।जब संदर्भ में थानाध्यक्ष से वार्तालाप किया गया तो उन्होंने कहा कि जिनके नाम से ऐसे ही मामला दर्ज हो गया है, वह आरक्षी अधीक्षक कैमूर को आवेदन दें आगे जांच कर उनका नाम हटा दिया जाएगा। अब यह सोचने का विषय की क्या ऐसे संगीन धाराओं में प्रशासन द्वारा बिना किसी साक्ष्य के, किसी के विरुद्ध नामजद मामला दर्ज कर, समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया जा सकता है।जब अधिकारी मुस्तैद थे किसी ने ऐसा विवादास्पद संभाषण नही सुना तो क्या एक संदिग्ध वीडियो वायरल होने मात्र से बिना जांच के ही मामला दर्ज किया जा सकता है। जब की स्थल पर देखा जा चुका हैं की जय श्री राम के नाम का नारा गुंजा तो अधिकारी पांच सेकंड में ही रोक दिए। तो किसी धर्म विशेष के विरुद्ध दो मिनट तक नारा डीजे पर गूंजते रहा तो किसी ने रोका क्यों नहीं। प्रशासन के पास सभी व्यवस्थाएं हैं, यदि इस तरह की कोई मामला भी था तो कम से कम अपने स्तर से ड्रोन कैमरे से बनवाए वीडियो एवं फोटो से ही शिनाख्त कर मामला दर्ज कर सकते हैं।वही मामले में आरक्षी अधीक्षक कैमूर ललित मोहन शर्मा की संदेशों को माने तो वीडियो का जांच किया जा रहा है। वही प्रतिमा विसर्जन जुलूस को संपन्न कराने स्थल पर पहुंचे अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रदीप कुमार  के साथ ही अन्य स्थानीय पदाधिकारी व कर्मीयों को डीजे पर गूंज रहे तथा कथित धर्म विशेष के विरुद्ध अपमानजनक शब्द सुनाई नहीं दिया। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं आम जनमानस सहित पूजा समिति के सदस्यों का कहना है कि मामले में एक साजिश के तहत पुलिस व प्रशासन को दिग्भ्रमित करने का प्रयास किया गया है। मूर्ति विसर्जन के समय निकले जुलूस में पुलिस व प्रशासन की टीम तैनात थी। जुलूस के साथ पुलिस व प्रशासन की टीम साथ-साथ चल रही थी। प्रशासन के अनुमति व उपस्थिति पर जुलूस निकाला गया। जुलूस में किसी भी प्रकार के आपत्तिजनक नारे लगाए गए होते तो मौके पर ही पुलिस व प्रशासन इसे रोकती। लेकिन जुलूस समाप्ति के बाद, रात को संदेहास्पद वीडियो वायरल किया गया है। जिसके बारे में जुलूस में मौजूद पुलिस व प्रशासन को भी पता नहीं चला। घटनास्थल पर ऐसा किसी ने नहीं कहा। सदस्यों ने कहा है कि इस संबंध में पुलिस अधीक्षक से भी गुहार लगाई गई है की पुलिस मामले में जांच कर उचित कार्रवाई करें। मामले में सत्ताधारी पार्टी के स्थानीय प्रखंड अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह, नगर पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि मिथिलेश कुमार सिंह,संजू पांडेय, सामाजिक कार्यकर्ता सह कलमकार जैनेन्द्र तिवारी, समाजसेवी आनंद प्रताप सिंह, डब्लू सिंह, लक्की सिंह, बंटी पाल, प्रवीण गुप्ता, संजीव तिवारी, राजू सिंह समेत दर्जनों लोगों की मांग निष्पक्ष हो जांच।

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