रवि महोत्सव कर्मशाला सह प्रशिक्षण संपन्न

रोहतास। जिला के दिनारा प्रखंड मुख्यालय स्थित ई किसान भवन में रबी महोत्सव 2024 का आयोजन किया गया। जिनका उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर सामुहिक रूप से उपस्थित डाइरेक्टर मुकेश कुमार पौधा संरक्षण पटना के द्वारा किया गया। जिसमें उपस्थित दो चार किसानों ने अपनी बात रखी जिसका जवाब किसी अधिकारी के द्वारा नहीं दिया गया। रबी प्रशिक्षण के लिए एक दिवसीय कार्यशाला था। जिसमें दर्ज़नो किसानों ने बताया कि इस रबी महोत्सव के बारे में प्रखंड से कोई सूचना नहीं दी गई थी।


जिसमें जाने पर सभी बिषय वस्तु विषेशज्ञ एवं किसान सलाहकारों ने कुर्सी पर बैठकर किसान बन गये थे।जो किसान किसी कारण से प्रखंड कार्यालय गये थे। बैठक की सूचना पर पहुंचे तो उनको लौटना पड़ा। क्योंकि एक्कीस पंचायत एवं एक नगर पंचायत के किसान सलाहकारों एवं वस्तु विषेशज्ञ के द्वारा किसानों की उपस्थिति दिखाई गई थी। कुछ किसानों ने मंसूर के तीस किलो बीज में चार किलो आंकड़ा फेट कर दिया जाने की बात कही। जबकि जमरोढ पंचायत के प्रज्ञा मिश्रा किसान ने उस मंसूर बीज में फेटे आंकड़े को दिखाया एवं कारण पूछा तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। जबकि किसानों का कहना की रबी सीजन आ गया। लेकिन खाद का अभाव है। वहीं खरीफ सीजन में बहुत ऊंचा दामों पर खाद खरीदने पडे। जबकि यूरिया का दाम साढ़े तीन सौ रूपए तक देने पड़े लेकिन सभी किसानों का हस्ताक्षर रजिस्टर पर दुकानदार द्वारा यूरिया दो सौ पैंसठ रूपए ही चढ़ाई जाती है। एवं हस्ताक्षर कराया जाता है।पूरा पंचायत एवं मोबाइल नंबर डाल कर लेकिन विवशता बस खाद लेने पड रहा है।जिस पर अधिकारियों ने ठहाके लगाकर हंसने के बाद किसानों को बताया कि हमारा नाम दुकानदार के पास रख दिजियेगा। उचित मूल्य से पांच दस रुपए से अधिक नहीं लेगा दुकानदार। क्योंकि उसका भी पलदारी लगता है।अनुमंडल कृषि पदाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी इस पर किसानों को संतुष्ट नहीं कर पाये। बहुत कम मात्रा में किसानों की उपस्थिति थी। जबकि सभी सरकारी कर्मचारियों के द्वारा ही किसानों का प्रशिक्षण लिया जा रहा था। सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजना को कृषि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी के द्वारा सरकारी राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। दिनारा में मात्र कोरम पूरा किया गया। जबकि किसानों को प्रशिक्षण की जानकारी ही नहीं दिया जा रहा है। कुछ किसानों का कहना है कि इसी विभाग के टीएल एम के द्वारा बीज वाले किसानों का नाम चढ़ाकर रजिस्टर तैयार कर सरकारी राशि से मौज मस्ती करते हैं। जिसके उपरांत डाइरेक्टर ने बीज बोने से पहले दवा से प्रत्यक्षण करने की बात कही। वहीं एक किसान ने आम के पेड़ में डोढर लगने के बात पर कुछ नहीं बताया गया। किसान के नाम पर मात्र खानापूर्ति किया गया।

रिपोर्टर

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