बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले के विरोध में पचोर में निकली आक्रोश रैली साधु संतों ने जताया आक्रोश

पचोर, राजगढ़ । ‌राजगढ़ जिले के पचोर   में आज सकल हिन्दू समाज ने आक्रोश रैली निकालकर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का विरोध जताया। रैली निकाल कर सभा के पश्चात राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा। जेडी मार्केट मैदान से  आरंभ हुई आक्रोश रैली नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई पुराना बस स्टैंड पहुंची पहुंची।  जहां  आयोजित सभा में उपस्थित संत जनों ने  चिन्मय स्वामी की रिहाई की मांग और हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आक्रोश जताया। 

उन्होंने कहा कि जब बांग्लादेश भुखमरी की कगार पर था तब स्वामी चिन्मय दास ने बांग्लादेश का सहयोग किया बांग्लादेश अब उनको गिरफ्तार कर हिंदुओं का दमन करने की नीति अपना रहा है। सभा में  उपस्थित मुख्य वक्ता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के  विभाग संगठन मंत्री  श्री धर्मेंद्र दांगी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर से लेकर बांग्लादेश सरकार का दोहरा रवैया, दोहरा चरित्र हमारे सामने आ रहा है तो उसको उजागर करने की कितनी आवश्यकता है जिस व्यक्ति को शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया है वो भी हम सबके मध्य विचारणीय प्रश्न है ऐसे व्यक्ति को नोबेल दिया गया है जो ढाई महीने से लगातार बांग्लादेश में कत्लेआम करवा रहा है। 

उन्होंने कहा कि समय की आवश्यकता देखते हुए  हमें हर प्रकार से तैयार रहना की जरूरत है। अब वह हिंदू समाज नहीं रहना चाहिए जो सिर्फ बातों से काम चलाता हो । हमें पूरे देश में हिंदू समाज को एकत्रित होकर और बढ़ चढ़कर  अगर किसी देश में अल्पसंख्यक हिंदू के साथ अत्याचार होता है तो हमको सड़कों पर निकलने की  अति आवश्यकता है। हमें किसी की राह देखने की जरूरत नहीं। सभा में उपस्थित सभी  हिंदूओं  को एकजुट रहने का संकल्प दिलवाया गया। सभा में  , श्री   राम गिरि महाराज, श्री राजगिरी महाराज,  श्री मस्त गिरी जी महाराज,  श्री श्याम दास जी महाराज, श्री गोविंद जी महाराज, महंत श्री रामकृष्ण जी भारती, श्री रमेश नाथ जी महाराज, श्री मंगल जी दुबे, श्री ओ पी  जी पवार , श्री योगेश जी शर्मा सहित आदि संत उपस्थित रहे।

तहसीलदार को दिया ज्ञापन 

सभा के पश्चात संतो व सकल हिंदू समाज के लोगों ने राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार पचोर प्रियंक श्रीवास्तव को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन का वाचन अखिलेश यादव द्वारा किया गया। ज्ञापन में  बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, मानवअधिकार हनन, मंदिरों पर हो रहे हमले, मूर्तियों की  तोड़फोड़, मंदिर में आगजनी, हिंदू लड़कीयों का अपहरण कर जबरन धर्म परिवर्तन करवाना, दुर्गा पंडालों पर हमला, हिंदू व्यवसायियों की दुकानों को जलाना, हिंदुओं को घर से बेदखल कर उनकी संपत्ति पर अवैध कब्जा करना, 


हिंदू पुजारी की हत्या करना, हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथो को नष्ट करना, आदि घटना लगातार बढ़ रही है तथा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदूसमाज की सुरक्षा के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहे हैं। ऐसी स्थिति भारत सरकार को हस्तक्षेप कर बांग्लादेश के समक्ष इन घटनाओं पर कड़ी आपत्ति दर्ज कर, हिंदू समुदाय की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक दबाव बनाया जाए तथा संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठनों को इन घटनाओं की जांच के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए । माननीय राष्ट्रपति ज्ञापन को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करें ताकि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को  न्याय, सुरक्षा सम्मानपूर्ण जीवन प्राप्त हो सके।

रिपोर्टर

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