गांव में कंपनी खोल दे रहे हैं रोजगार

रोहतास।कहते है की लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती , कोशिश करनेवाले की हार नहीं होती I सोहनलाल द्विवेदी की ये पंकितिया जिले के युवा उद्यमी आनंद मोहन उर्फ़ टुनटुन सिंह सह उनकी धर्म पत्नी राजलक्षमी सिंह पर सही बैठती है।वे गाओं में फैक्ट्री डाल दो दर्जन से अधिक लोगो को रोजगार दे गरीबी उन्मूलन के वाहक बन गए है ।उनकी कंपनी के सालाना टर्न ओवर 3 करोड़ से अधिक हो गया है . पेशे से प्लास्टिक इंजीनियर बिक्रमगंज प्रखंड के धावां गांव निवासी आनंद मोहन की नौकरी लॉक डाउन में छीन गई तो बेरोजगार होकर गांव लौट गए , फिर भी हार नहीं मानीऔर दृढ इक्षाशक्ति के दम पर गांव में ही 2019 में एक फैक्ट्री की नीव रख दी जिसमे की उनकी धर्म पत्नी जी ने इनकी इक्षाशक्ति को और बल दिया और उनके साथ मुश्किल समय में भी खड़ी रही 


वर्ष 2021 के सितम्बर माह में तत्कालीन उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने भी रोहतास यात्रा के दौरान इनकी फैक्ट्री का मुआयना किया था और इनके इस कार्य की काफी सराहना की I 

काम की शुरुवात एक छोटे से कमरे में प्लास्टिक के फ्रीज़ बोतल बनाने से हुई उस समय लगभग छह लाख रुपये की बोतल बनाने वाली मशीन से पांच श्रमिकों के साथ काम की शुरुआत हुई थी, आज इनकी फैक्ट्री में प्लास्टिक से बने हॉट पॉट , बैठने का पाटला , प्लास्टिक मग, डस्टबिन , डस्टपैन समेतप्लास्टिक के घरेलु उपयोग के करीब दर्जन भर से ज़्यादा उत्पाद तैयार होते है I इनके सभी उत्पाद बड़े ब्रांडो के उत्पादों की तरह ही है, फर्क सिर्फ इतना है की सभी सामान अन्य ब्रांडो के मुकाबले काफी सस्ता और टिकाऊ है I 

लगभग 35 ग्रामीण लोगो को इस फैक्ट्री में रोजगार मिला हुआ है जिसमे से की अधिकतर महिलाये है, एक प्लास्टिक इंजीनियर होने के नाते इन्होने ग्रामीण लोगो को खुद से प्रशिक्षित किया तथा उन सभी को मशीन पर कार्य करने में दक्ष बनाया और इसी हुनर के साथ ग्रामीण लोगो ने अपनी गरीबी दूर की I 

आनंद मोहन के अनुसार वे देश की नामी प्लास्टिक फैक्टरियों में लाखो के पैकेज पर काम करते हुए भी संतुस्ट नहीं रहे और अपने गांव के आस पास ही स्वरोजगार को बढाने के प्रयास में 2013 से ही लगे थे I इसी बिच कोरोना काल की आपदा ने उसे अवसर में बदलने का मौका दे दिया जिसके बाद आनंद ने कभी पीछे नहीं देखा I

रिपोर्टर

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