
अधौरा में मनाया गया कैमूर जनजातीय पहाड़ी संस्कृति का उत्सव
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, ब्यूरो चीफ कैमूर
- Mar 20, 2025
- 44 views
जिला संवाददाता संदीप कुमार
कैमूर-- जिला स्थापना दिवस के अवसर पर समापन कार्यक्रम के रूप में आदि-अद्रि महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव का उद्घाटन उपविकाश आयुक्त तथा अपर समाहर्ता,जिला लोक शिकायत द्वारा द्वीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। उपविकाश आयुक्त द्वारा बताया गया कि अधौरा की लगभग 50% से अधिक आबादी जनजाति है जिनकी अपनी एक अनूठी संस्कृति है जिनका संरक्षण आवश्यक है, सरकार द्वारा अधौरा के विकास के लिए के लिए कई कदम उठाए गए है। अधौरा को एक पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की योजना भी पाइपलाइन में है। इस तरह के कार्यक्रम से भविष्य में अधौरा के पर्यटन तथा उनके जनजातीय शिल्प तथा हस्तकला को भी बढ़ावा मिलेगा। अपर समाहर्ता, जिला लोक शिकायत पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि अधौरा का प्राकृतिक सौन्दर्य उन्हें अति आनंदित करती है। उनके द्वारा लोक शिकायत अधिनियम की भी जानकारी जनजाति समाज को दी गई। कार्यक्रम में जनजातीय सांस्कृतिक विविधता को प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न जनजाति समुदाय द्वारा घटवारी नृत्य, झूमर नृत्य, मानर नृत्य, नागपुरिया नृत्य का प्रदर्शन किया गया।ओरांव जनजाति द्वारा किया गया घटवारी नृत्य कार्यक्रम का केंद्रबिंदु था। विदित हो कि ओरांव नृत्य अपनी सादगी एवं पारंपरिक मूल्यों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें ओरांव जनजाति के सांस्कृतिक, सामाजिक एवं धार्मिक मूल्यों को बखूभी प्रदर्शित किया जाता है। अधौरा के जनजातीय नृत्य एवं लोक गीत अपने समावेशी स्वरूप के लिए भी जाना जाता है जहां अधिकतर प्रदर्शन सामूहिक होता है। इस महोत्सव में सुदूर ग्रामों से आए लगभग 160 से अधिक कलाकारों ने हिस्सा लिया। दूघा, कलुआ, पचमाहुल, देवारी गांवों के कलाकार ने कार्यक्रम में बढ़ चढ़ के हिस्सा लिया। जनजातीय नृत्य कला में महिलाओं की भूमिका अहम रही। पूरे सांस्कृतिक कार्यक्रम में 80% से अधिक कलाकार महिलाए थी, जो जनजातीय संस्कृति में महिलाओं के अमूल्य योगदान को परिलक्षित करता है। महोत्सव में मैदानी तथा पहाड़ी सांस्कृतिक का समायोजन भी इसकी विशिष्टता रही। कैमूर जिले के उभरते कलाकार धून धून राजा चौरसिया द्वारा चैता-चैती गीत ने सबको आनंद से भर दिया। उनके द्वारा गीत के माध्यम से चैता एवं चैती में अंतर प्रदर्शित किया गया।आद्री अद्री महोत्सव में जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अधौरा, अंचलाधिकारी, अधौरा एवं अन्य जिला स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
रिपोर्टर