
सोनाचुर चावल की विशिष्ट पहचान दिलाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा किया गया कवायद शुरु
- सुनील कुमार, जिला ब्यूरो चीफ रोहतास
- Apr 09, 2025
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रोहतास। जिले में उत्पादित सोनाचुर धान को विशिष्ट पहचान दिलाने की कवायद जिला प्रशासन द्वारा शुरू कर दी गई है, सोनाचुर की विशिष्ट पहचान को विश्व पटल पर लाने हेतु सोनाचुर धान को भौगोलिक सूचकांक (GI) में सम्मिलित करने की अनुशंसा जिला पदाधिकारी , रोहतास के द्वारा निबंधक, भौगोलिक सूचकांक, चेन्नई को की गई है, जिससे सोनाचुर धान को रोहतास की पहचान के रूप में स्थापित करने एवं जिले के विशिष्ट कृषि उत्पादों की वैश्विक पहचान स्थापित करने की कृषि विभाग, रोहतास के प्रयासों को बल मिलेगा ।भौगोलिक संकेतक (GI) टैग, एक ऐसा नाम या चिह्न है जिसका उपयोग उन विशेष उत्पादों पर किया जाता है जो किसी विशिष्ट भौगोलिक स्थान या मूल से संबंधित होते हैं।भौगोलिक संकेतकों को पेरिस कन्वेंशन के अनुच्छेद 1(2) एवं 10 के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) के एक भाग के रूप में मान्यता दी गई है और इन्हें बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलुओं (TRIPS) समझौते के अनुच्छेद 22-24 के तहत भी मान्यता प्राप्त है।
उप विकास आयुक्त, रोहतास की पहल पर रोहतास जिले में सोनाचुर धान के GI हेतु प्रयत्नशील कृषकों के समूह "रोहतास सोनाचुर धान उत्पादक संघ" का सोसाइटी निबंधन प्राप्त कर लिया गया है, अब जिला पदाधिकारी रोहतास के स्तर से सोनाचुर धान के GI निबंधन हेतु निबंधक भौगोलिक सूचकांक, चेन्नई को अनुशंसा पत्र का प्रेषण किए जाने से क्षेत्र के सोनाचुर धान उत्पादकों के प्रयासों को समर्थन मिला है, GI के निबंधन हेतु वनस्पति अनुसंधान इकाई, विक्रमगंज - बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण ( आत्मा ) कृषि विभाग - रोहतास , जिला प्रशासन- रोहतास तथा जिले के उत्पादक कृषकों द्वारा समेकित प्रयास किया जा रहा है ।
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