पराली जलाने के मामले में 99 किसानों का डीबीटी किया गया रद्द


रोहतास।कृषि विभाग द्वारा रबी वर्ष 2024-25 में फसल अवशेष नही जलाने हेतु रोहतास जिलान्तर्गत सभी प्रखण्ड के पंचायतों में पदस्थापित कृषि समन्वयक / प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधक / सहायक तकनिकी प्रबंधक / किसान सलाहकार को लगातार अपने कार्य क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर किसानों के बीच फसल अवशेष न जलाने हेतु व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। साथ ही जन-जन तक पराली जलाने के दुष्प्रभाव से अवगत कराने हेतु दैनिक समाचार में भी प्रकाशित किया जा रहा है। फसल अवशेष जलाने से होने वाले क्षति जैसे मिट्टी का तापमान बढ़ने के कारण मिट्टी में उपलब्ध सूक्ष्म जीवाणु केचुओं आदि का हास हो जाना, फलस्वरूप मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण हो जाती है। साथ ही पर्यावरण दूषित होने के कारण सभी जीवों पर दुस्परिणाम के साथ-साथ श्वास की बिमारी भी हो जाती है। फसल अवशेष प्रबंधन हेतु जीविका दीदी के माध्यम से भी स्कुलों में जाकर जागरूक किया जा रहा है। साथ ही खेतों में पराली नहीं जलाने हेतु प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी एवं जिला स्तर के पदाधिकारी द्वारा लगातार भ्रमण करते हुए किसानों को अपने खेतों में पराली नहीं जलाने से संबंधित जागरूक किया जा रहा है। इसके बावजूद भी जिन किसानों द्वारा अपने फसल अवशेष को खेतों में जलाया गया है। उनका विभाग द्वारा स्थल जॉचोपरान्त संबोधित 03 दिनों में कुल 82 किसानों का DBT पंजीकरण को रद्द कर सरकार द्वारा किसानों को मिलने वाले लाभ से बंचित किया गया है। जिसमें प्रखण्ड-कोचस से-12, शिवसागर-9, चेनारी-3, करगहर-18, दिनारा-23, संझौली-2, राजपुर-1, अकोढ़ीगोला-2, सूर्यपुरा 4 एवं नासरीगंज से 3 किसानों का किसान पंजीयन रद्द किया गया। एवं अन्य प्रखण्डों के पंचायतों में सघन जाँच की जा रही है, तथा संबंधित पंचायत के किसान सलाहकार एवं कृषि समन्वयक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसके बावजूद भी किसानों द्वारा अपने खेतों में पराली जलाने से संबंधित घटना घटित की जाती है तो इससे सख्ति से निपटने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)-2023 की धारा 152 (B) तथा एअर एक्ट-1981 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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