
भागवत कथा के चौथे दिन मनाया गया भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, ब्यूरो चीफ कैमूर
- May 05, 2025
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कैमूर-- जिला के भभुआं प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कोहारी गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया। इस दौरान कथा पंडाल में प्रसिद्ध भजन ‘नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ पर सभी श्रद्धालु काफी देर तक झूमते व थिरकते रहे। वही श्रीकृष्ण-जन्मोत्सव कार्यक्रम को लेकर कथा पंडाल को गुब्बारे व फूल-मालाओं से आकर्षक ढंग से सजाया गया। आपको बताते हुए चलें कि कथा वाचक पण्डित बालकृष्ण शास्त्री ने प्रवचन के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन कर धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की महत्ता पर व्याख्यान किया। वही शास्त्री जी ने कहा कि जब-जब अत्याचार, अनाचार व अन्याय बढा है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। अत्याचार को समाप्त कर धर्म की स्थापना को लेकर ही प्रभु का अलग-अलग रूपों में अवतार होता है। जब कंस ने सभी मर्यादाएं तोड दी, तो प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। अतिथि के रूप में श्रीमद् भागवत कथा सुनने पहुंचे सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सह भाजपा नेता अजय दूबे साथ में रिंकू चौबे एवं सुनील कुमार दूबे के द्वारा भागवत गीता पर सर झुकाते हुए शास्त्री बालकृष्ण महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किया गया।कथा के आयोजनकर्ता श्री अमरेन्द्र मिश्रा द्वारा आए हुए अतिथियों को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कथा के दौरान बासुदेव, यशोदा व श्रीकृष्ण के बाल-रूप की झांकी देख सभी श्रद्धालु जयकारा लगाते हुए नृत्य करने लगे। प्रवचन के क्रम में शास्त्री जी ने कहा कि जीवन में अच्छे रास्ते पर जाना है, तो संकल्प लेना जरूरी है। हर बच्चे को अपने माता-पिता व गुरू की बातों को मानना चाहिए। जिन बच्चों के उपर माता-पिता का आशीर्वाद है, उन्हें संसार में सब कुछ प्राप्त है, हर एक माता-पिता को चाहिए कि अपने साथ बच्चों को भागवत कथा, सत्संग, कीर्तन में जरूर साथ लाएं। धर्म की कथा सुनने से बच्चों में अच्छी संस्कार आती है। वही एकादशी व्रत को लेकर आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमदभागवत कथा के आयोजन से भक्तिमय माहौल बना हुआ है। भागवत कथा के दौरान व्यास पूजा, भजन, झांकी व आरती में प्रिंस मिश्रा, दीपम मिश्र, रौनक मिश्रा सत्यम मिश्रा, ओम मिश्रा, व अनुज मिश्रा, प्रियांशु मिश्रा झांकी निर्देशक स्वामी आचार्य नन्दलाल चौबे, एवं स्वामी आचार्य श्री राजीव शास्त्री जी अहम भूमिका निभा रहे हैं। कथा के अंत में प्रसिद्ध आरती ‘श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती’ का सामूहिक रूप से गायन हुआ। फिर श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण भी किया गया। वही यजमान के रूप में शिव शंकर मिश्रा, रमावती देवी, अमरेन्द्र मिश्रा, सतेन्द्र मिश्रा, अरविन्द मिश्रा, दीपक मिश्रा, अशोक पाण्डेय, बलिराम पाण्डेय, राम सनेही उपाध्याय, देवी दयाल उपाध्याय, राजेन्द्र उपाध्याय, राजेश उपाध्याय, विनोद उपाध्याय, सर्वेश्वर उपाध्याय, मुसाफिर उपाध्याय, अवधेश उपाध्याय, जय प्रकाश उपाध्याय, नागेन्द्र उपाध्याय, हरि शंकर उपाध्याय, विवेकानंद उपाध्याय, राकेश उपाध्याय, चन्दन उपाध्याय, लखन उपाध्याय, जितेन्द्र उपाध्याय, कन्हैया उपाध्याय, दिनेश उपाध्याय, बेचन सिंह, जितेन्द्र सिंह, विकास कुमार सिंह, रमेश सिंह, राम करण सिंह, शिवधार सिंह, उमेश सिंह सहित हजारों की संख्या में भक्तगण कथा में सम्मिलित हुए।
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