
भिवंडी के उर्दू प्राथमिक स्कूलों में 30 करोड़ रूपये का भ्रष्टाचार - भारतीय कम्युनिस्ट पक्ष
- महेंद्र कुमार (गुडडू), ब्यूरो चीफ भिवंडी
- May 08, 2025
- 201 views
बिना टीईटी पास शिक्षकों की अवैध नियुक्ति पर कम्युनिस्ट पार्टी ने उठाई आवाज
भिवंडी। भिवंडी के विभिन्न उर्दू प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर एक बड़ा घोटाला सामने आया है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) के ठाणे जिला परिषद द्वारा जारी शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि कई उर्दू स्कूलों में बिना किसी वैध प्रक्रिया और बिना टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास किए हुए शिक्षकों की अवैध नियुक्ति की गई है। इस पूरे मामले में आरोप है कि इन नियुक्तियों के लिए 12 से 25 लाख रुपये तक की भारी रिश्वत ली गई है। शिकायत में यह भी बताया गया है कि कई ऐसे शिक्षक हैं जो ‘ज्येष्ठता’ (seniority) के आधार पर दिखाए गए हैं लेकिन वास्तविकता में उनका कोई अनुभव नहीं है। इन नियुक्तियों में स्थानीय शिक्षा अधिकारियों, शाला समितियों और राजनीतिक प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता की भी बात कही गई है।
सीपीआई द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के अनुसार, भिवंडी के निम्नलिखित स्कूलों में अवैध नियुक्तियों का आरोप लगाया गया है जिसमें अल-हेरा उर्दू प्राथमिक शाला, पिराणीपाडा, अल-अमीन उर्दू प्राथमिक शाला, नवीवस्ती, सी.एम. उर्दू प्राथमिक शाला, म्हाडा कॉलनी, अल-उम्मत उर्दू प्राथमिक शाला, मौलाना आज़ाद रोड,अल-हुदा उर्दू प्राथमिक शाला, नागाव, यूनिवर्सल उर्दू प्राथमिक शाला, सल्लारजुद्दीन स्कूल के पास इसके आलावा के.जी.एन उर्दू प्राथमिक शाला शांतिनगर, इकरा उर्दू प्राथमिक शाला कल्याण रोड़,नजीर उर्दू प्राथमिक शाला वंजारपट्टी नाका, तौहीद उर्दू प्राथमिक शाला खाड़ीपार और न्यु नेशनल उर्दू प्राथमिक शाला पिरानी पाडा का समावेश है। इन स्कूलों में लगभग 32 से 40 शिक्षकों की भर्ती 2023 की शुरुआत में की गई, जिनमें से अधिकांश बिना टीईटी परीक्षा पास किए हुए हैं। शिकायत पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि इस घोटाले में कुछ दलालों का भी हाथ है, जिन्होंने बड़ी रकम लेकर इन नियुक्तियों में भूमिका निभाई। विशेष रूप से एक नाम – खान मुतब्बीर निवासी ऐरोडोल का बार-बार दस्तावेजों में सामने आता है, जिन्हें शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पैसे पहुंचाने वाला बताया गया है। इस पूरे प्रकरण को शिक्षा विभाग का "करोड़ों का भ्रष्टाचार" बताते हुए कम्युनिस्ट पार्टी ने महाराष्ट्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप कर जांच की मांग की है। साथ ही सभी नियुक्तियों को रद्द करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इस सबंध में पूछने पर कहा जाता है कि जांच की जा रही है और जल्द ही कार्रवाई होगी।
रिपोर्टर