पर्यावरण संरक्षण के संकल्प के साथ मनाया जाएगा गणेशोत्सव - संतोष शेट्टी

भिवंडी। भिवंडी के प्रमुख गणेशोत्सव आयोजकों में शामिल "धामणकर नाका मित्र मंडळ" एवं "स्वभिमान सेवा संस्था" ने इस वर्ष गणेशोत्सव 2025 को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। मंडल ने अपने 37वें वर्ष के उत्सव को एक सामाजिक संदेश के साथ जोड़ते हुए इस बार गणपति बप्पा की मूर्ति विसर्जन के लिए कृत्रिम जलकुंड की व्यवस्था करने का ऐलान किया है। मंडल के अध्यक्ष संतोष एम. शेट्टी द्वारा जारी किए गए पत्र में बताया गया कि 28 अगस्त से 6 सितंबर 2025 तक होने वाले उत्सव के दौरान मंडल ‘पर्यावरण पूरक सार्वजनिक गणेशोत्सव’ के तहत पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण' अभियान को आगे बढ़ाते हुए यह पहल की जा रही है। इस पहल के अंतर्गत मंडल न सिर्फ गणेश मूर्तियों के लिए कृत्रिम विसर्जन कुंड बनाएगा, बल्कि सजावट, पूजा सामग्री और दैनिक उपयोग में भी पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों का इस्तेमाल करेगा। क्योंकि वाराला तालाब से दररोज 2 एम एल टी पानी पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।  मंडल ने महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भिवंडी महानगरपालिका और स्थानीय नागरिकों से भी सहयोग की अपील की है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि इस वर्ष मंडल गणेश मूर्तियों के विसर्जन को लेकर जनजागृति अभियान भी चलाएगा, ताकि अधिक से अधिक गणेश भक्त कृत्रिम कुंड में विसर्जन को अपनाएं। मंडल के इस निर्णय की शहर में सराहना की जा रही है और इसे अन्य मंडलों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण माना जा रहा है।गणेशोत्सव को उत्सव के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व से जोड़ने की इस मुहिम ने भिवंडी में एक नई दिशा स्थापित की है। शेट्टी ने कहा कि इस प्रकार, धामणकर नाका मित्र मंडळ न केवल भक्ति और परंपरा का निर्वहन करेगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी निभाने जा रहा है।

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