सरकारी उदासीनता के कारण समाप्त होने के कगार पर है अस्तित्व

संवाददाता जमुई से देवेन्द्र कुमार 

जमुई ।। कई वर्षो से जिला भयंकर दौर से गुजर रहा है । जिस कारण पर्याप्त जलजमाव नही होने की वजह से पानी का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है । आलम यह है आज जिले मे पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है ।

       आए दिन हमलोग जल संकट की समस्या से निपटने के लिए जल संचय की पारंपरिक साधनों को समझना होगा तभी हम भूजल स्तर को गिराने से बचा सकेगे। जलसंचय के साघनो को हम नजर अंदाज करते आ रहे है जिसके कारण उनका अस्तित्व आज खतरा मे है 

     जल जमाव की साधन तलाव एवं कुएं आज सरकार की उदासीनता के कारण अपना अस्तित्व खोने के कगार पर है । कभी गांव कस्बो मे तालाब एवं कुए प्राकृतिक पेयजल एवं कुएं प्राकृतिक पेयजल एवं सिचाई के मुख्य साधन हुआ करता था जिसमे वर्षा का जल जमा हो कर संचय का साधन के रूप मे काम करता था । लेकिन अतिक्रमण के कारण जलसोतो का रिर्चाज एवं जल संचय होना बंद हो गया । पर्याप्त जल संचय नही होने के कारण भूजल स्तर मे तेजी से गिरावट होने लगा है जिसके कारण जलसंकट की समस्या गंभीर होती जा रही है । 

     जिले मे नदियों से निरंतर हो रहे बालू उठाव को लेकर नदियो मे भी जल संकट उत्पन्न हो चुका है जिस नदी मे हमेशा पानी रहता था वह सरकारी उदासीनता के कारण कई वषों से सूखते नजर आ रहे है । नदियों की सुरक्षा को लेकर सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया जा रहा है नदी जलसंचय का एक प्रमुख साधन माना जाता है

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