बजाव पुंगी, हटाव लुंगी - पुराना नारा फिर बना चर्चा का बिषय

मूंबई ।। वर्ली के  विधानसभा मे चुनाव 2019 को लेकर जारी प्रचार में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के प्रचार करने का तरीका चर्चा में है। आदित्य ठाकरे मुंबई में बसे दक्षिण भारतीय वोटरों को लुभाने के लिए लुंगी पहनकर प्रचार करने पहुंचे। यह बात इसलिए चर्चा में है क्योंकि 70 के दशक में शिवेसना के संस्थापक और आदित्य के दादा बाला साहेब ठाकरे ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत ही दक्षिण भारतीयों को मुंबई से भगाने के साथ शुरू की थी। बाला साहेब ने उस दौर में नारा दिया था - बजाव पुंगी, हटाव लुंगी। अब जब बाला साहेब के परिवार से पहली बार चुनाव मैदान में उतरे आदित्य वोट की खातिर खुद लुंगी पहनकर प्रचार करने निकले हैं।

राजनीतिक गलियारे में चर्चा शुरू हो चुकी है कि क्या शिवसेना ने अपना राजनीतिक एजेंडा बदलने की तैयारी में है। महाराष्ट्र के मराठाओं की हितैषी बताने वाली शिवसेना क्या अब इस मुद्दे से अपना फोकस हटा रही है। क्या मराठी माणूस के नाम पर आंदोलन करते रहने वाली शिवसेना ने अपना नया राजनीतिक रास्ता चुनने का फैसला लिया है?

उद्धव ठाकरे ने जब आदित्य को मुंबई के वर्ली विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया तभी से चर्चा शुरू हो चुकी थी कि बदलते दौर में बाला साहेब का परिवार अब सीधे तौर से सत्ता में आना चाह रहा है। अब जब बाला साहेब के पोते आदित्य वर्ली के गोपालनगर में लुंगी (वेष्टी) पहनकर प्रचार करने निकले तो चर्चा शुरू हो गई है कि क्या शिवसेना अपने मूल मुद्दों से हटना चाह रही है।

रिपोर्टर

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