पुलिस डंडे भी बरसा रही है तथा सहायता भी कर रही है

मदत का सिलसिला थमेगा नहीं"

जितना डर कोरोना से नहीं उससे ज्यादा डर पुलिस की डंडे से लग रहा है

कल्याण:- कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए रेल यातायात,सड़क यातायात सहित अन्य साधन पर सरकार ने पूरी तरह रोक लगा दिया है, ताकि कहीं एक जगह पर अधिक भीड़ इकट्ठा न हो और लोग कोरोना जैसे बीमारी का शिकार ना हो सके। पिछ्ले कुछ दिनों से पूरी दुनिया एक ही जगह ठप्प सी हो गयी है। लोग अपने घरों में बैठे हैं, अगर कोई व्यक्ति बाहर दिख भी जा रहा है तो पुलिस उन्हें घर बैठने पर मजबूर कर दे रही है।आज कल सोसल मीडिया पर अक्सर देखने को मिल जा रहा है की स्थानीय पुलिस लोगों पर डंडा बरसा रही है ताकि डर के मारे लोग घर से बाहर ना निकले। लोगों का तो यहां तक कहना है कि जितना डर कोरोना से नहीं लग रहा है उझसे ज्यादा डर पुलिस की मार से लग रहा है। महिला पुलिस द्वारा भी सड़क पर निकली महिलाओ को उठक बैठक कराते हुई दिखाई पड़ा।


पुलिस की मार की डर से एक युवक अपने पीठ पर एक दफ़्ती लगा कर यह लिखे हुए दिखाई दिया कि कृपया लाठी चार्ज न करे राशन लेने के लिए निकले है। लोगों का यह कहना है कोरोना जैसी बीमारी से लोगों को बचाने के लिए पुलिस वालों का बड़ा हाथ माना जा रहा है। एक तरफ पुलिस का कहर लोगों पर बरस रहा है, वहीं दूसरी तरफ देखा जाय तो शहर की कुछ पुलिस गरीब व जरूरत मंद लोगों की भरपूर सेवा कर रहे है। जिसके पास खाने पीने का सामान नही है उनके पास पहुंचा रही है। 


    इसी का जीता जाता उदाहरण विठ्ठलवाड़ी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक रमेश भामे है,उन्होंने सवांददाता को बताया कि हमने छह महीने पहले विठ्ठलवाड़ी पुलिस थाने के हद में 25 बुजुर्ग बेसहारे लोगों को (दत्तक) गोद लिया है। उनका समय समय पर उनके जरूरत की चीजों को हम पूरा करते रहते है,इस लॉक डाउन के समय उन्हें किसी चीज की कमी न हो इसके लिए कल भी हमने अपने सहकर्मियों का साथ मिलकर खाने पीने का सामान उनतक पहुचाया। भामे ने बताया कि उन बेसहारा लोगों के लिए हमने डॉक्टर की भी व्यवस्था कर रखा है , जो कि उनके बीमार होने पर उनका इलाज करते रहेंगे। यह सिलसिला हमेशा चालू रहेगा हम यहां के सीनियर के पद पर रहे या न रहे।लेकिन उनके मदत का सिलसिला रुकेगा नहीं

रिपोर्टर

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