
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से की मुलाकात
- सुनील कुमार, जिला ब्यूरो चीफ रोहतास
- Jul 04, 2025
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रोहतास ।भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने निर्वाचन सदन में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में और निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू एवं डॉ. विवेक जोशी की उपस्थिति में आयोग ने दलों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए सवालों, मुद्दों और चिंताओं को सुना तथा बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान की पूरी प्रक्रिया को स्पष्ट किया। यह अभियान सुचारू रूप से प्रगति पर है।
इस बैठक में जिन राजनीतिक दलों ने भाग लिया, वे थे – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार), झारखंड मुक्ति मोर्चा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी तथा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)।
आयोग ने बताया कि यह SIR प्रक्रिया योजनाबद्ध, संरचित और चरणबद्ध तरीके से चल रही है, ताकि सभी पात्र नागरिकों का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जा सके। बिहार में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1,54,977 बूथ स्तरीय अभिकर्ताओं (BLA) की सक्रिय भागीदारी के कारण यह प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ संचालित हो रही है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे और अधिक संख्या में BLA नियुक्त करें, ताकि मतदाताओं को पंजीकरण में सहायता मिले और यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सहभागी बन सके।
*पहला चरण*
25 जून से 3 जुलाई 2025 तक, राज्य के लगभग 7.90 करोड़ मतदाताओं को गणना प्रपत्र छपवाकर वितरित किए जा रहे हैं। यह प्रपत्र 23 जून 2025 तक के मौजूदा रिकॉर्ड के आधार पर आंशिक रूप से भरे हुए हैं, जिन्हें 77,895 बूथ स्तर अधिकारियों के माध्यम से वितरित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त 20,603 और BLO की नियुक्ति की जा रही है। ये BLOs मतदाता सूची में दर्ज सभी 7.90 करोड़ मतदाताओं को घर-घर जाकर प्रपत्र दे रहे हैं।*दूसरा चरण*
गणना प्रपत्रों को भरकर 25 जुलाई 2025 से पहले जमा करना होगा। इस प्रक्रिया को सुचारू बनाने हेतु BLO के साथ-साथ स्वयंसेवकों की भी तैनाती की गई है। लगभग 4 लाख स्वयंसेवक – जिनमें सरकारी कर्मचारी, एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस आदि शामिल हैं – मतदाताओं की सहायता के लिए उपलब्ध हैं। इनका उद्देश्य वृद्ध, बीमार, दिव्यांग, निर्धन और अन्य वंचित वर्गों की सहायता करना है।
2003 की मतदाता सूची में जिन मतदाताओं के नाम हैं, उन्हें केवल गणना प्रपत्र और मतदाता सूची का अंश प्रस्तुत करना होगा; उन्हें कोई अन्य दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है.
जो मतदाता 2003 की सूची में नहीं हैं, उन्हें अपने जन्म तिथि/जन्म स्थान से संबंधित दस्तावेज (निर्दिष्ट 11 दस्तावेजों की सूची में से कोई एक) प्रस्तुत करना होगा, जो निम्नानुसार हैं:
i. 1 जुलाई 1987 से पहले जन्मे व्यक्ति: केवल स्वयं का दस्तावेज देना होगा।
ii. 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच जन्मे व्यक्ति: स्वयं तथा एक अभिभावक का दस्तावेज देना होगा।
iii. 2 दिसंबर 2004 के बाद जन्मे व्यक्ति: स्वयं तथा दोनों अभिभावकों का दस्तावेज देना होगा।
जिन मतदाताओं के माता-पिता का नाम 01.01.2003 की मतदाता सूची में शामिल था, उन्हें अपने माता-पिता से संबंधित किसी भी अतिरिक्त दस्तावेज को प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है।
*तीसरा चरण*
25 जून से 26 जुलाई 2025 तक चलने वाले इस चरण में, भरे हुए गणना प्रपत्र बूथ स्तर अधिकारियों द्वारा एकत्र किए जा रहे हैं। मतदाता द्वारा स्वप्रमाणित दस्तावेजों के साथ इन प्रपत्रों को इकट्ठा किया जाएगा और BLO प्रतिदिन BLO App या ECINET के माध्यम से डाटा अपलोड करेंगे। प्रपत्र जमा करते समय BLO मतदाताओं को प्राप्ति रसीद देंगे। इन भौतिक प्रपत्रों को संबंधित निर्वाचक पंजीकरण पदाधिकारी या सहायक निर्वाचक पंजीकरण पदाधिकारी को सौंपा जाएगा।
मतदाताओं की सुविधा के लिए ऑनलाइन प्रपत्र जमा करने की सुविधा भी विकसित की गई है, जो आज शाम तक उपलब्ध होगी।
*चौथा चरण*
1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। इसमें केवल उन्हीं मतदाताओं के नाम शामिल होंगे जिनके प्रपत्र अंतिम तिथि (25 जुलाई) तक प्राप्त हो चुके होंगे। जिन मतदाताओं द्वारा गणना प्रपत्र जमा नहीं किया गया है, उनके नाम प्रारूप सूची में नहीं होंगे।
ERO और AERO द्वारा इन प्रपत्रों की जांच संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार की जाएगी, जिसमें मतदाता का भारतीय नागरिक होना, 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का होना, और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी होना आवश्यक है।
जो मतदाता प्रारंभिक समय सीमा (25 जुलाई) तक प्रपत्र जमा नहीं कर पाए हैं, वे दावे और आपत्तियों की अवधि में फॉर्म 6 और एक घोषणा पत्र के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
प्रारूप सूची के प्रकाशित होने के बाद भी बीएलए प्रतिदिन अधिकतम 10 प्रपत्र जमा कर सकते हैं।
*पाँचवाँ चरण (1 अगस्त से 1 सितम्बर 2025 तक)*
इस अवधि के दौरान कोई भी नागरिक दावे (नाम शामिल करने हेतु) और आपत्तियाँ (मौजूदा प्रविष्टियों पर आपत्ति) दर्ज कर सकता है।
इस समयावधि में EROs/AEROs सभी आवेदन और आपत्तियाँ संविधान के अनुच्छेद 326 तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 और 19 के अनुरूप जांचेंगे।
प्रारूप मतदाता सूची में किसी भी नाम को हटाने से पहले उचित जांच की जाएगी और संबंधित व्यक्ति को उचित सुनवाई का अवसर दिया जाएगा।
दावे और आपत्तियों की दैनिक सूची ERO कार्यालय में प्रदर्शित की जाएगी और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी।
राजनीतिक दलों को साप्ताहिक रिपोर्ट भी साझा की जाएगी।
सभी दावे और आपत्तियों के निपटारे के बाद अंतिम मतदाता सूची (Final Electoral Roll) तैयार की जाएगी और 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी।
इसकी हार्ड कॉपी और सॉफ्ट कॉपी सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को निःशुल्क प्रदान की जाएगी और इसे भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया जाएगा।
यदि किसी मतदाता को निर्वाचक पंजीकरण पदाधिकारी (ERO) के निर्णय से आपत्ति हो, तो वह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24(क) के तहत निर्णय की तिथि से 15 दिनों के भीतर जिला मजिस्ट्रेट के पास अपील कर सकता है।
यदि मतदाता को जिला मजिस्ट्रेट के निर्णय से भी असंतोष हो, तो वह धारा 24(ख) के अंतर्गत 30 दिनों के भीतर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से पुनः अपील कर सकता है।
निर्वाचन आयोग सभी पात्र नागरिकों से अपील करता है कि वे इस विशेष अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें, ताकि कोई भी मतदाता वंचित न रह जाए।
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