क्या महाराष्ट्र में बढ़ेगा लॉक डाउन सभी को उत्सुकता

लॉक डाउन में ठेले वाले भाजी विक्रेताओं से भय


कल्याण : कोरोना ने पूरे विश्व मे त्राहि त्राहि मचा रखी है तथा भारत मे महाराष्ट्र राज्य कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में पहले स्थान पर है। मुम्बई को आर्थिक राजधानी के रूप में पहचान प्राप्त है तथा यहाँ पर सभी लोग किसी न किसी तरह से रोजी रोटी के लिए एक दूसरे पर निर्भर हैं, एक तरफ जहां दिहाड़ी मजदूर लोगों का काम पूरी तरह ठप है तथा उनके सामने रोजी रोटी का संकट है तो वहीं नौकरी पेशा लोगों की परेशानी भी कुछ कम नही है। कुछ व्यवसाय मालिकों ने सरकार के निर्देश पर मार्च का वेतन भुगतान कर दिया है तो कुछ अभी भी नही दे सके हैं क्यों कि व्यवसाय मालिक भी भयंकर रूप से बंदी की चपेट में हैं। छोटे व्यापारियों का भी रोज कुंआ खोदना और पानी पीना है। अतः अब सब की निगाहें इस तरफ लगी हैं कि क्या 14 अप्रैल के बाद लॉक डाउन खत्म होगा या नही ?

अगर स्थिति की बात करें तो पूरे भारत मे सबसे खराब स्थिति में इन समय महाराष्ट्र राज्य है मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तथा आज अन्य राज्यों में बढ़ाए गए लॉक डाउन को मद्देनजर रखते हुए तो यह सहज ही अनुमान लगाया जा रहा है कि लॉक डाउन का महाराष्ट्र में भी बढ़ाया जाना तय है। हालांकि लगभग सभी इस लॉक डाउन से ऊब चुके हैं लेकिन कोरोना जैसी घातक बीमारी के लिए इसके अलावा कोई विकल्प अब तक मौजूद नही है।

वहीं कोरोना जैसी घातक बीमारी के संक्रमण को रोकने के लिए तमाम एहतियात बरते जा रहे हैं लेकिन भाजी विक्रेताओं के कारण यह बीमारी फैलने कें खतरे को नजरअंदाज नही किया जा सकता क्यों कि सबसे ज्यादा अगर सोसल डिस्टेनसिंग का मजाक हो रहा तो वह भाजी विक्रेताओं के पास ही। हालांकि इसके लिए भी स्थानीय प्रशासन द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन लोगों का मानना है कि यही एक जगह है जहाँ पर कोई पालन नही किया जा रहा है और यह समस्या खासकर गली कूंचों में हाथगाड़ी पर सब्जी बेंचेंने वाले ज्यादा पैदा कर रहे हैं। भाजी लोगों को आवश्यक है लेकिन जान से ज्यादा नही अतः खासकर ठेले वालों से भाजी लेते वक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

रिपोर्टर

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