कोविड-19 : तंबाकू चबाकर थूकने से 24-72 घंटे में फैलता है संक्रमण

मुंबई ll महाराष्ट्र सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पत्र का अनुपालन करते हुए सार्वजनिक स्थलों पर थूकना निषिद्ध कर दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, थूकने के कारण कोविड-19 फैल सकता है क्योंकि संक्रमित व्यक्ति की लार में 24 घंटे से अधिक समय तक वायरस मौजूद रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र सरकार से कोरोना महामारी के बीच सभी तंबाकू उत्पादों, सुपारी और पान मसालों पर रोक लगाने की भी मांग की है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने पत्र में यह उल्लेख किया है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने लोगों से तंबाकू खाकर सार्वजनिक जगहों पर नहीं थूकने की अपील की है। तंबाकू उत्पाद जैसे पान मसाला और सुपारी चबाने से मुंह में अधिक लार बनती है जिससे लोगों को उसे थूकने की इच्छा होती है। सार्वजनिक स्थलों पर थूकने से कोविड-19 अधिक फैल सकता है।

इस बीच, गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन कानून के तहत लॉकडाउन के लिए अपने दिशानिर्देशों में सभी जिला प्रमुखों, नगर निगमों से शराब, तंबाकू और गुटका की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने और सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर रोक लगाने को कहा है।

बृहन्न मुंबई नगर निगम ने सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर पहले ही 1,000 रुपये का जूर्माना लागू कर दिया है।

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के उप निदेशक और वीओटीवी के संस्थापक डाक्टर पंकज चतुर्वेदी के मुताबिक, सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा रोक लगाने से निश्चित तौर पर कोविड-19 की रोकथाम में बहुत मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति में यदि कोरोना संक्रमित व्यक्ति तंबाकू या फिर महज अपनी थूक को ही थूकता है तो 24-72 घंटे के भीतर संक्रमण फैलने की संभावना रहती है जोकि लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इससे महज कोरोना ही नहीं, बल्कि टीबी जैसी अन्य संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं।

उल्लेखनीय है कि गैट्स-2 आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में 24.4 प्रतिशत वयस्क वर्तमान में धुंआरहित तंबाकू का सेवन करते हैं जिनमें 35.5 प्रतिशत पुरुष और 17 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं।

कैंसर रोग विशेषज्ञ डाक्टर प्रणव इनगोले ने सरकार से अपील की है कि जनता के स्वास्थ्य हित में तंबाकू, पान मसाला और सुपारी पर प्रतिबंध लगाने का यह सही समय है। यदि लोग इस तरह के उत्पादों का उपभोग नहीं करेंगे तो सार्वजनिक स्थलों पर थूकने की उनकी इच्छा भी कम होगी। इसके अलावा धूम्रपान से श्वसन प्रणाली, सांस की नली और फेफड़ों को भारी नुकसान पहुँचता है। धूम्रपान व प्रभाव हमारे शरीर के गले के लंग्‍स और फेफड़े को प्रभावित करता है। ये हमारे शरीर के रोगप्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। यही कारण है कि फेफड़ों की कोशिकाएं कमजोर होने से संक्रमण से लड़ने की क्षमता अपने आप कम हो जाती है । वर्तमान में कोविद -19 का वायरस गले के लंग्‍स को प्रभावित कर गले में खराब पैदा करता है। वहीं आगे वायरस श्‍वसन नली को संक्रमित कर सांस लेने में परेशानी करता है।

उन्होंने एक बार पुनः मुख्यमंत्री से सभी तंबाकू उत्पादों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने का अनुरोध किया ताकि इनके उपभोग के कारण होने वाली बीमारियां और असामयिक मौत रोकी जा सके और संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके।

सरकार के कदमों की सराहना करते हुए अलामेलु चैरिटेबल फाउंडेशन (टाटा ट्रस्ट) के आशीष सुपासे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर रोक लगा दी है और इसे पूरे राज्य में प्रभावी ढंग से लागू किए जाने की जरूरत है। इस कदम से निश्चित तौर पर कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी क्योंकि सार्वजनिक स्थलों पर थूकने से कोविड-19 के फैलने की संभावना बढ़ती है।

महाराष्ट्र के अलावा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड, रोपड़ (पंजाब), गुजरात, तेलंगाना, मिजोरम, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, बिहार, ओड़िशा, हरियाणा, नगालैंड, असम और केंद्र शासित चंडीगढ़ जैसे राज्यों ने भी धुंआरहित तंबाकू के उपयोग और सार्वजनिक स्थलों पर थूकने पर रोक लगाई है।

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