संकट में सियासत की टंकार

ब्यूरो चीफ देवेन्द्र कुमार के साथ शक्ति प्रसाद शर्मा की रिपोर्ट

जमुई ।। आयोग से चुनाव घोषणा अभी बांकी है . कुछ को लग रहा मैदान खाली है . गरीबों के हक की लूट, मजदूरों की तड़प व किसानों की बदहाली पर जिह्वा हिलाने की जिनमे हिम्मत नही,वे क्या लेकर जायेंगे जनता के बीच. यह बातें जे०पी० सेनानी राजेश सिंह ने कही उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के चलते जिले में एक साथ अनेकों समस्याएं उभरी हैं! जिला प्रशासन मुश्तैदी से निपट रहा है उसमें नागरिक सहयोग की जरूरत है। जिले भर में संचालित क्वारेंटिन सेन्टरों का हाल जानने अपने लोगों से सेन्टरों की निगरानी करने, त्रुटियों सम्बद्ध पदा॰ एवं उच्चाधिकारी को सूचित करने तथा गाइडलाइन के अनुरूप सतर्कता का वातावरण बनाने की जरूरत है।कोरोना से जंग लम्बे चलेंगे।सरकार की ओर से व्यवस्था ठोस है। केन्द्र व राज्य की संयुक्त व्यवस्था वांछित ज़रूरतमंदों तक सुगमता से पहुंचे,आभाव के कोलाहल न हों इस पर पहल करने की जरूरत है।घोषणाओं के आडंबरी चेहरे पर चांवर डुलाने से कुछ नहीं होगा? वो फेज गुजर गया। जनता करारा सबाल पूछेगी जिसमें कोई कसर नहीं छोड़ेगी . अपितु इस कठिन समय में जिले की स्थिति क्या है उससे अवगत होने एवं प्रशासन को सहयोग करने की जरूरत है। अतीत पर इतराना छोड़कर वर्तमान के हालातों को सुधारने की जरूरत है ताकि जिला महामारी से महफूज बने। इस वक्त राजनीति नहीं जनसंवेदना व जनममत्व में उभार लाने की जरूरत है क्योंकि- असली झांकी अभी बांकी है?

रिपोर्टर

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