स्वास्थ्य विभाग एवं उत्तर प्रदेश सरकार का मुंह चिढ़ाते झोलाछाप डॉक्टर

कई शिकायतों के बाद भी इन झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई न होना, खड़े करती है कई सवाल


स्थानीय प्रशासन का मौन आश्चर्यजनक ...


रुदौली, अयोध्या ।। जनपद की रुदौली तहसील क्षेत्र में वर्षों से अप्रशिक्षित चिकित्सकों का धंधा फल फूल रहा है । परन्तु स्वास्थ्य विभाग ने कभी इन चिकित्सकों पर किसी प्रकार की कार्रवाई की जहमत नहीं उठाई ।बल्कि स्वास्थ्य विभाग के सरकारी अस्पतालों की नाक के नीचे ही इन गैर पंजीकृत चिकित्सकों की चांदी कट रही है । तहसील क्षेत्र का कोई गांव अथवा चौराहा नहीं है जहां अनाधिकृत चिकित्सक दो चार की संख्या में मौजूद न हों । ये चिकित्सक जनता को अक्सर नुकसान पहुंचाते हैं किन्तु जनता इन चिकित्सकों के विरुद्ध शिकायत नहीं करती । जिसके दो कारण हैं पहला तो ये कि सरकारी चिकित्सक ड्यूटी से बेपरवाह बने रहते हैं और दूसरा सबसे बड़ा कारण यह है कि इन चिकित्सकों पर स्वास्थ्य विभाग शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करता ।

अब या तो विभाग इन झोलाछापों की पहुंच से डरता है या क्षेत्रीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात सरकारी चिकित्सक मिलकर इन झोलाछापों को पाल रहे हैं । इन झोलाछापों पर शिकायत पर कार्रवाई न होना कई सवाल खड़े करता है । इन झोला छाप डॉक्टरों की वजह से क्षेत्र का एक प्रशिक्षित चिकित्सक अत्यन्त परेशान है ।

उक्त चिकित्सक ने पिछले वर्ष अप्रैल में सीएचसी मवई प्रभारी को पत्र लिख कर शिकायत की थी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो जनसूचना अधिकार के तहत सूचना मांगी तो साहब ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी अयोध्या से परमीशन लेने की बात बताई और एक साल का समय बीत गया न ऊपर के साहब ने परमीशन दिया न नीचे वाले साहब ने कार्रवाई की । इसके बाद गत जुलाई में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयोध्या से शिकायत की गई किंतु फिर भी कुछ नहीं हुआ ।

इससे पहले कोरोनावायरस काल फुल लॉकडाउन काल में एक चिकित्सक का बिना मास्क व दस्तानों के इलाज करते हुए १७/०५/२०२० को मुख्य चिकित्सा अधिकारी अयोध्या को तथा १८/०५/२०२० को एक वीडियो जरिए व्हाट्स्एप भेजा गया जिसमे ये झोलाछाप सरासर नियमों का उल्लघंन कर रहे थे और आज भी कर रहे हैं, किंतु आज तक उक्त दोनों महान जिम्मेदारों ने उस चिकित्सक पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कराई ।

इससे जिम्मेदारों की जिम्मेदारी निभाने वाली कथनी और करनी की पोल खुलती है । गत ०८/०९/२०२० को कानूनी प्रक्रिया से हताश चिकित्सक ने चार अवैध चिकित्सकों के विरुद्ध जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री जी को पुनः शिकायत प्रेषित की है ।

फिलहाल लग तो यह रहा है कि न तो मुख्यमंत्री जी यहां जांच एवं कार्रवाई करने आएंगे और न ही उनका कोई विशेष दूत ही आएगा । जांच तो यही नाकारा, गैर जिम्मेदार लोग करेंगे जो वर्षों से सरकारी मलाई खा रहे हैं और जिम्मेदार ज्यादातर दूसरे दलों के हिमायती हैं इसलिए और भी काम नहीं करना चाहते । और इन मदारी बाज जिम्मेदारों के कारण ही सरकार की बदनामी होती है । उक्त मामले पर क्षेत्रीय सांसद व विधायक भी उदासीन नज़र आते हैं ।

रिपोर्टर

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