औद्योगिक विभाग की लापरवाही गांव के समीप इथेनॉल की फैक्ट्री, प्रदूषित वायु से ग्रामीणों का जीवन हुआ अस्त व्यस्त
- कुमार चन्द्र भुषण तिवारी, उप संपादक बिहार
- Sep 18, 2025
- 1111 views
ग्रामीणों ने कारखाने के बाहर किया प्रदर्शन
कैमूर-- जिला के कुदरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत सकरी पंचायत के गोलउडीह गांव के समीप स्थित इथेनॉल की कारखाने से निकल रहे प्रदूषित वायु से ग्रामीणों का जीवन हुआ अस्त-व्यस्त। आपको बताते चलें कि प्रखंड क्षेत्र के गोलउडीह गांव के समीप ई एस ई एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड इथेनॉल की कारखाना स्थापित है। सकरी पंचायत के सरपंच विक्रम चौधरी सहित ग्रामीणों का कहना है, कि कारखाने से निकलने वाले प्रदूषण की वजह से ग्रामीणों के आंख में जलन की शिकायत, प्रसूति महिलाओं में स्वास्थ्य समस्याओं, जिन बुजुर्गों का आंख बना है आंख की रौशनी गायब होने कारखाने से निकलने वाली पानी से पशुओं में बिमारी व पशुओं की मौत सहित आस पास के खेतों में लगे फसल बर्बाद हो जाता है,जिस कारण ग्राम वासियों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पूर्व में भी कारखाने की पानी नदी में जाने की वजह से नदी में बहुत सी मछलियां मर चुकी थी। कारखाने से निकलने वाले प्रदूषण के विरुद्ध ग्रामवासियों द्वारा कारखाने के बाहर प्रदर्शन किया गया।
ग्रामीणों का आरोप पदाधिकारीयों की मिली भगत से आवासीय इलाके में कारखाने स्थापित करने की मिलीअनुमति
यदि नियमानुसार देखा जाए तो इथेनॉल की फैक्ट्री आवासीय इलाकों में नहीं हो सकती है, क्योंकि इसके कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे आंखों में जलन और फसलों पर काला कण जमा होना. इसके अतिरिक्त, इस तरह के कारखाने स्थापित करने के लिए कुछ विशेष स्थान और पर्यावरणीय मानदंडों की आवश्यकता होती है, जो आमतौर पर आवासीय क्षेत्रों में उपलब्ध नहीं होते हैं। इथेनॉल प्लांट से निकलने वाले कुछ दूषित कण हवा में मिल जाते हैं, जिससे आंखों में जलन होती है और हवा में एक काली परत जम जाती है,जिससे पेड़-पौधों और फसलों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इथेनॉल एक ज्वलनशील पदार्थ है, और इसके उत्पादन में कई प्रक्रियाएं शामिल होती हैं, जिसके लिए सुरक्षित और उपयुक्त स्थान की आवश्यकता होती है। पर औद्योगिक विभाग द्वारा इन बातों की ध्यान न रख कारखाने स्थापित करने की दिया गया है अनुमति। वही जब कारखाने के व्यवस्थापक ओम प्रकाश सिंह से जब इस संदर्भ में बात किया गया तो उनके द्वारा कहा गया कि औद्योगिक विभाग के सभी नियमों का पालन किया जा रहा है कारखाने की पानी कहीं भी बाहर नहीं निकलता है। जबकि कारखाने के बाहर जगह जगह पानी निकलने के साथ ही में कारखाने की भट्टी से निकलने वाली राख भारी मात्रा में पाया गया--
वही आस पास के खेतों में लगे फसल भी न के बराबर है। संबंधित पदाधिकारीयों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है अन्यथा ग्रामीण गांव छोड़ने को विवश हो सकते हैं।


रिपोर्टर