कर्मभूमि में निधन, जन्मभूमि में 'हनुमानी प्रवक्ता' का क्रियाकर्म, क्षेत्रवासी स्तब्ध-शोकपूर्ण

डोम्बिवली ।। दक्षिणमुखी श्रीहनुमान मंदिर (काशी-प्रयाग मध्य) प्रांगण की व्यवस्था देखरेख करने वाली संस्था 'बजरंगआदर्श जनकल्याण समिती' के प्रवक्ता विनोद त्रिपाठी का वैदिक क्रियाकर्म उनकी जन्मभूमि भदोही में जारी है, जिनका निधन कर्मभूमि डोम्बिवली के एम्स अस्पताल में २१ अक्टूबर की सुबह हो गया था।

गौरतलब है कि संयुक्त सपरिवार मुंबई के डोम्बिवली में रहने वाले विनोद त्रिपाठी अपने बड़े भाई क्रमशः कमलाशंकर तिवारी व सतिश तिवारी से भी छोटे थे. जिन्होंने श्वास लेने की तकलीफ के मद्देनजर डोम्बिवली के आर आर हास्पिटल (कोरोना पाॅजिटिव) अस्पताल में जंग लड़कर जीता, जिसके उपरांत कोरोना निगेटिव के बाद उन्हें सुप्रसिद्ध स्थानीय हाईटेक एम्स अस्पताल में निमोनिया की शिकायत पर शिफ्ट किया गया, जहां वेंटिलेटर पर भी वो हौसला बांधकर मिलने पहुंचने वालों का एक सप्ताह हौसला बढ़ाते रहे लेकिन अचानक २१ अक्टूबर की सुबह वे परिवार सहित शुभचिंतकों को बिलखता छोड़ गए. डोम्बिवली के 'राम नगर मोक्ष धाम' में अंत्येष्टि के बाद उनके सयुंक्त परिवार ने 23 अक्टूबर को अस्थि कलश को 'काशी मोक्ष धाम' पहुंचकर सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में विसर्जित किया। इस दौरान उनके छोटे भाई विनय त्रिपाठी सेनानी और विजय त्रिपाठी (पूर्व बीडीसी) सहित गांव-समाज के लोग उपस्थित रहे। मुंबई से उनकी अस्थियों को नमन करके विदा करने वाले 'सशक्त समाज न्यूज' के वरिष्ठ पत्रकार व विनोद त्रिपाठी के सबसे बड़े भतीजे सुनील तिवारी ने बताया कि आगामी वैदिक क्रियाकर्म पुश्तैनी निवास भदोही जनपद के अकोढ़ा-रोही गांव में शास्त्र मर्मज्ञों की देखरेख में निर्धारित है. ५० से भी कम उम्र में हौसलेबाज हनुमानी प्रवक्ता की अचानक देवलोक यात्रा से उनके परिवार-रिश्तेदार के साथ परिचितों में मुंबई से लेकर गांव तक शोक माहौल पसरा है, जहां सांत्वना देने पहुंचने वालों के भी आंसू छलक रहे हैं।

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